MP News: मध्यप्रदेश में नए जिलों के गठन को लेकर सियासत थमी नहीं थी कि अब संभाग को लेकर भी एक बार फिर से मांग उठ गई है। सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने रतलाम को संभाग बनाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया है। हालांकि, इससे पहले दिवंगत सांसद दिलीप सिंह भूरिया ने 23 अगस्त 2014 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखकर सुझाव दिया था।
रतलाम के प्रभारी मंत्री विजय शाह ने दौर के दौरान प्रस्ताव पारित कर दिया था। बावजूद इसके अभी इस दिशा में कोई खास काम नहीं हुआ। यदि रतलाम संभाग बनता है तो झाबुआ-आलीराजुर दोनों जिले इंदौर की बजाय रतलाम से जुड़ जाएंगे। वर्तमान में दोनों जिले रतलाम संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इससे प्रशासनिक कामकाज में भी आसानी होगी।
इन पांच जिलों को जोड़कर रतलाम बन सकता है संभाग
तत्कालीन सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर रतलाम को नया संभाग बनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने लिखा था कि झाबुआ, आलीराजपुर, रतलाम, मंदसौर व नीमच जिलों को जोडक़र नया राजस्व संभाग गठित किया जाए। इसका मुख्यालय रतलाम में हो। रतलाम इन जिलों से रेलमार्ग व सडक़ मार्ग से जुड़ा है। ऐसे में पूरे संभाग में चुस्त एवं अच्छी प्रशासकीय व्यवस्था और विकास कार्यों का प्रभावी पर्यवेक्षण आसानी से संभव होगा। वहीं क्षेत्र के विकास और प्रगति को तीव्र गति से आगे बढ़ाया जा सकेगा। गरीब किसानों को संभागीय राजस्व न्यायालय का लाभ भी आसानी से प्राप्त होगा।
प्रशासनिक सुविधा बढ़ेगी- कमलेश्वर डोडियार
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने विधासभा में बताया कि रतलाम, नीमच, मंदसौर, झाबुआ और आलीराजपुर जिले के लोगों के लिए प्रशासनिक सुविधा बढ़ेगी। साथ ही जिले के विकास को रफ्तार मिलेगी। रतलाम को संभाग बनाने से क्षेत्र के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए उज्जैन या इंदौर नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और पैसों की बचत होगी। क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। क्योंकि यह एक प्रशासनिक केंद्र बन जाएगा।
क्या है रतलाम की वर्तमान स्थिति
रतलाम में 23 पुलिस स्टेशन, 1089 गांव और 418 ग्राम पंचायतें हैं। साथ ही एक नगर निगम, एक नगर पालिका और 7 नगर परिषद हैं।
राजस्थान के सांसद उठा चुके हैं भील प्रदेश प्रदेश बनाने की मांग
भारतीय आदिवासी पार्टी यानी BAP के राजस्थान से सांसद राजकुमार रोत ने बीते दिनों मध्य प्रदेश के कुछ जिलों समेत 4 राज्यों में से एक नया भील प्रदेश बनाने की मांग की थी। जिसमें मालवा और निमाड़ क्षेत्र के कुछ जिलों को भील प्रदेश का हिस्सा बनाने की मांग की गई। इसमें रतलाम ग्रामीण, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, झाबुआ और खरगोन शामिल को जोड़ने की बात कही गई थी।
हालांकि, साल 2024 में संभाग, जिले और तहसीलों का नए सिरे से सीमांकन के लिए सितंबर में सरकार ने पुनर्गठन आयोग गठन किया था।
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