जिला मुख्यालय कवर्धा से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत बरबसपुर के आश्रित ग्राम बीजाझोरी में दो वर्ष पूर्व मुक्तिशेड के नवनिर्माण के लिए राशि स्वीकृति हुई थी। जिमेदारों ने मुक्तिधाम सेड की कालम खड़ा कर छोड़ दी। 2 साल बीत जाने के बाद भी कार्य नहीं हो सका है। शेड के नाम पर केवल कॉलम खड़ा है। शेड़ का निर्माण नहीं किया जा सका है।
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बरसात के दिनों में गांव में किसी का निधन हो जाता है तो उसके अग्निदाह संस्कार की दिक्कत होती है। बरसते पानी के बीच दाह संस्कार कैसे होगा। गुरुवार को गांव के पूर्व सरपंच बुजुर्ग मंगलु धुर्वे के निधन हो जाने पर मुक्तिधाम में बिना शेड के ही खुले में शव का अग्निदाह संस्कार करना पड़ा।
दाह संस्कार करते समय गांव के लोगों को काफी परेशानी हुई। लोग तो छाता लेकर मुक्तिधाम पहुंचे, लेकिन शव को अग्नि देने में दिक्कत हुई। दिनभर में भी शव को पूरी तरह से अग्निदाह संस्कार पूरा नहीं हो सका था। इसके कारण ग्रामीण बेहद दुखी रहे।