World Athletics Day: छत्तीसगढ़ के 36 खिलाड़ी पहुंचे राष्ट्रीय स्तर तक, अब इंटरनेशनल खेलने का इंतजार…
World Athletics Day: प्रदेश में तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स स्टेडियम हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स संघ के विभिन्न जिलों में करीब 60 ट्रेनिंग सेंटर संचालित हैं।
World Athletics Day: दिनेश कुमार/छत्तीसगढ़ में एथलेटिक्स के कई प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, जरूरत उन्हें उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने की है। प्रदेश में एथलेटिक्स की सुविधाएं तो बढ़ी हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक न होने और प्रशासनिक उदासीनता के कारण खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
World Athletics Day: प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभागिता शून्य
वर्तमान में प्रदेश के 36 सीनियर खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पहुंच चुके हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाडिय़ों की प्रतिभागिता शून्य है। 150 पदक वाले एथलेटिक्स में प्रतिभाएं निकालने के लिए दीर्घकालीन योजना न होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के कमी के कारण अब तक न तो नेशनल गेम्स में खिलाड़ी पदक जीत पाए हैं, न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नहीं निकल पा रहे हैं। हालांकि, दो सरकारी अकादमी खुलने से जूनियर प्रतिभाएं निकलने लगी हैं जिससे कुछ उम्मीद जागी है।
पदक जीतने के लिए टारगेट सेट नहीं
प्रदेश में तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स स्टेडियम हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स संघ के विभिन्न जिलों में करीब 60 ट्रेनिंग सेंटर संचालित हैं। लेकिन इन सेंटरों में प्रशिक्षकों ने कोई टारगेट सेट नहीं किया, कि कब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल सकते हैं। यह कारण है कि हमारे एथलेटिक्स खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के नहीं बन सके।
बहतराई बिलासपुर में हाई परफॉर्मेंस कोच के तौर अकादमी में प्रशिक्षण दे रहे द्रोणाचार्य अवार्डी जसविंदर सिंह भाटिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नहीं निकलने के कई कारण बताएं।
स्थानीय खिलाड़ी रिस्क लेने से डर रहे। कंफर्ट जोन में रहना ज्यादा पसंद।
सरकार तंत्र का खेल प्रति उदासीन रवैया, प्राथमिकता में खेल व खिलाडिय़ों का न होना।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की भारी कमी। क्योंकि प्रशिक्षकों का वेतन बेहद कम।
बच्चों को स्पोर्ट्स के जरिए बनने वाले कॅरियर की जानकारी का अभाव।
ट्रेनिंग सेंटर अच्छे मौसम वाली जगह पर नहीं होना।
ये कमी दूर करने से निकलेंगे खिलाड़ी
एक्सपर्ट प्रशिक्षकों की व्यवस्था, ट्रेनिंग सेंटर सुहावने मौसम वाले जगहों पर बने।
स्कूलों में प्रतिभा खोज जैसी योजनाएं चलाई जाएं, जिससे कम उम्र में इन्हें तराशने का मौका मिले।
खेलों और खिलाड़ियों को सरकार प्राथमिकता में रखे और अफसर सकारात्मक सपोर्ट करें।
स्कूली बच्चों तक स्पोटर्स के जरिए बनने वाले कॅरियर की जानकारी पहुंचाई जाए।
सुविधाएं बढ़ीं, लेकिन उच्चस्तरीय प्रशिक्षक न होने से पिछड़ रहे हमारे खिलाड़ी
World Athletics Day: अकादमी खुलने के बाद जूनियर प्रतिभाएं निखरने लगी
खेल-खिलाड़ी और मैदान
कुल इवेंट- 24 बालक, 24 बालिका कुल पदक- 24 स्वर्ण, 24 रजत, 24 कांस्य (महिला-पुरुष मिलाकर कुल 144 पदक) छत्तीसगढ़ में एथलेटिक्स ट्रैक- 3 अंतरराष्ट्रीय स्तर के सरकारी अकादमी- 1 बिलासपुर (आवासीय- 21 खिलाड़ी), 1 रायपुर (गैर आवासीय- 35 खिलाड़ी ), प्रशिक्षक- 2
संघ के ट्रेनिंग सेंटर-50-60, प्रशिक्षक- 44 (एनआईएस-20) राज्य स्तरीय खिलाड़ी- करीब 400 राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी- 36 जूनियर में बढ़ रहे ये खिलाडी़ अमित कुमार- 10 किमी. वॉक रेस में स्वर्ण पदक
तार्णिका तेता- लॉन्ग जम्प में कांस्य पदक (खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलूरु के लिए चयनित)
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