सरकार के अनुसार प्रदेश के 31 लाख उपभोक्ताओं की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। संशोधन के बावजूद 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के
उपभोक्ताओं को योजना का लाभ मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल परिवार भी शामिल हैं। पहले की तरह एकल बत्ती उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 30 से 100 यूनिट तक की खपत पर 50 फीसदी छूट जारी रहेगी।
यूनिट टैरिफ
0.100 4.10 101-200 4.20 201-400 5.60 401-600 6.50 601+ 8.30 नई योजना लागू करने से ज्यादा उपभोक्ता प्रभावित नहीं होंगे। 70 फीसदी इससे बेअसर रहेंगे। इसका उद्देश्य बिजली मामले में उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बनाना है। राज्य सरकार चाहती है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेज़ी से लागू किया जाए और उपभोक्ताओं को हाफ से मुफ्त बिजली का लाभ मिले। इसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 1,08,000 रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। शासन का मानना है कि पीएम सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर ‘ऊर्जादाता’ बनेंगे। यह योजना गुजरात सहित कई राज्यों में सफलतापूर्वक चलाई जा रही है।
जनता पर अत्याचार- कांग्रेस: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, ने कहा, साय सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर दिया है। साय सरकार के निर्णय से अधिसंख्यक उपभोक्ता बिजली बिल हाफ योजना से वंचित हो गए है।
यह है आदेश में
अब तक इस योजना के अंतर्गत 400 यूनिट तक की मासिक खपत पर बिजली बिल की कुल देय राशि (एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज और वैरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट) में 50त्न की रियायत दी जाती थी, नए आदेश में इसे संशोधित कर 100 यूनिट तक सीमित कर दिया गया है।
ऐसे समझिए गणित
हाफ बिजली बिल योजना के तहत अब तक 400 यूनिट तक खपत में कुल बिल आधा देना पड़ता था,लेकिन योजना में सरकार की ओर से एक संशोधन कर दिया गया। संशोधन के बाद अब उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ 100 यूनिट तक की खपत पर ही मिलेगा। अगर 100 यूनिट प्रतिमाह के अधिक बिजली खपत उपभोक्ता ने की है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा उपभोक्ता के बिजली बिल 6 माह से अधिक बकाया नहीं होने भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।