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रायपुर

छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047: शिक्षा और स्किल्ड पर भी रहेगा फोकस, होंगी उच्च स्तरीय सुविधाएं

छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047 डाक्यूमेंट में अधोसंरचना के सुव्यस्थित विकास के साथ ही शिक्षा और स्किल्ड पर विशेष फोकस किया जाएगा। राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए इस डाक्यूमेंट में शिक्षा- स्किल्ड किस तरह से काम किए जाएंगे, इसका प्रारुप तैयार किया गया है।

रायपुरJul 24, 2025 / 11:53 pm

Rabindra Rai

छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047: शिक्षा और स्किल्ड पर भी रहेगा फोकस, होंगी उच्च स्तरीय सुविधाएं

छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047: शिक्षा और स्किल्ड पर भी रहेगा फोकस, होंगी उच्च स्तरीय सुविधाएं

2030 से 2047 तक तीन चरणों में काम

विजन डाक्यूमेंट में 2030 से 2047 तक तीन चरणों में काम किए जाएंगे। इसके अपेक्षित परिणाम क्या आ सकते हैं इसका भी उल्लेख किया है। चुनौतियां क्या है, मुख्य पहल क्या होगी और परिणाम में बारे में विजन डाक्यूमेंट में दर्शाया गया है। बता दें कि राज्य सरकार ने योजनाबद्ध और शहरी विकास की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, स्टेट कैपिटल रीजन को विकसित करने की योजना बनाई है। इससे राजधानी और आसपास के शहरों का प्लान्ड डेव्हलपमेंट होगा। साथ ही शहरी सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और वाणिज्य के लिए बेहतर और अनुकूल वातावरण तैयार होगा। इस क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाएं बढ़ेंगी।

यह है छत्तीसगढ़ अंजाेर विजन @2027

शिक्षा और स्किल्ड पृष्ठभूमि:

  • विद्यालयों में नामांकन में राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जैसे- उच्च- माध्यमिक में संकल नामांकन अनुपात (GER) 68.1 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय औसत 57.6 प्रतिशत है।
  • दृढ़ नीतिगत निर्णय : स्कूली शिक्षा के लिए सर्वाधिक बजट आवंटन, राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित साइिकल योजना ।

चुनौतियां

  • अपेक्षित से कम शैक्षिणक परिणाम। जैसे – गणित और विज्ञान में राष्ट्रीय औसत से कम अंक ।
  • अनुसंधान और कौशल विकास परितंत्र में कमियां । जैसे देश के शीर्ष 100 विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं गणित महाविद्यालयों में सिर्फ 3 महाविद्यालय, 20 प्रतिशत से कम आईटीआई राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा परिषद से संबंद्ध।

मुख्य पहल

  • 1000 विद्यालयों को पीएम-श्री विद्यालयों में प्रोन्नत करना। इसमें 10 प्रतिशत से अधिक स्कूली विद्यार्थी शामिल होंगे।
  • शिशु शिक्षा : शिशु देखरेख एवं शिक्षा पाठ्यचर्या और शिक्षक सवंर्ग के लिए- विद्यालय, महिला एवं बाल विकास तथा अनुसूचित जाति जनजाति विभागों के बीच समन्वय के लिए राज्य स्तरीय समिति की स्थापना की जाएगी।
  • मिश्रित कौशल मॉडल : कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा शुरू करना और हर विद्यालय में करियर काउंसलर मौजूद होना।
  • प्रमाणन, संकाय विकास और उद्योगों के साथ साझेदारी के जरिए संस्थागत गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य शिक्षा मिशन की स्थापना ।
  • उद्योग-आधारित पाठ्यक्रमों, इंफ्रा स्ट्रक्चर और नियुक्ति संबंधी समझौता-पत्रों के साथ केंद्रीय हब के रूप में वैश्विक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना ।

ये मुख्य परिणाम आएंगे

अभी – 2030 – 2035 – 2047
साक्षरता दर – 78.2 – 85 – 93 – 99.9 प्रतिशत
जीईआर – 19.6 -35 – 50 – 65 प्रतिशत
औपचारिक प्रशिक्षण – 3.05 – 15 – 30 – 50 प्रतिशत
वाले 15 से 59 वर्ष तकके लोगों का प्रतिशत

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