मिली जानकारी के अनुसार, द्वितीय चरण की लॉटरी 31 जुलाई को निकाली जाएगी। इस तरह इस वर्ष भी प्रवेश के लिए पालकों को अगस्त महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। अगस्त में प्रवेश लेने वाले ज्यादातर छात्र पढ़ाई में पिछड़ सकते हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले में शिक्षा के अधिकार के तहत 227 निजी स्कूलों में कुल 1671 सीटें आरक्षित हैं। 1373 छात्रों ने प्रथम चरण में एडमिशन लिया है।
प्रथम चरण में 1453 छात्रों का चयन सूची में नाम आया था। इस तरह 1671 सीटों में 298 सीटें प्रथम चरण में रिक्त रह गई थी। रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 228 आवेदन आए हैं। लगभग 70 सीटें इस वर्ष भी खाली ही रह जाएंगी। दूसरे चरण में भी ऐसे कई छात्र होंगे, जो एडमिशन नहीं लेंगे। ऐसे में संख्या और बढ़ सकती है। पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि दो-तीन चरणों में दाखिले की प्रक्रिया होने के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं। आरटीई प्रभारी देवेश चंद्राकर ने बताया कि आरटीई के तहत 228 आवेदन दूसरे चरण में आए हैं।
RTE Admission 2025: बड़े स्कूल पहली पसंद
अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर पालक अंग्रेजी मीडियम में अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। इस कारण हिंदी माध्यम की कई निजी स्कूलों में आरटीई के तहत रिक्त सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाता है। बड़े अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में एक सीट पर दोगुने से अधिक आवेदन आते हैं।
वेटिंग वालों को मौका
प्रथम चरण में जहां सीटें रिक्त रह गईं थी और वहां पहले से कई छात्र वेटिंग लिस्ट में थे, ऐसे छात्रों को भी द्वितीय चरण की लॉटरी में शामिल किया जाएगा। छात्रों को भी प्रवेश का अवसर मिल सकता है। प्रथम चरण में भी 3 हजार से अधिक आवेदन आए थे। 1453 छात्रों का ही चयन हुआ था। हर साल रिक्त रह जाती हैं सीटें
आरटीई के तहत हर साल सीटें रिक्त रह जाती हैं। आवेदन निर्धारित सीटों से ज्यादा आते हैं। बावजूद 100 से अधिक सीटें हर साल नहीं भर पाती हैं। कई छात्रों को अवसर नहीं मिल पाता है। हालांकि, इन रिक्त सीटों को भरने हर साल कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती है।