केस दो शहर निवासी 45 साल के व्यक्ति को लगातार सुस्ती महसूस होने लगी। सिर में लगातार दर्द के बाद जांच कराई तो पता लगा कि बीपी से यह समस्या है। चिकित्सक ने लगातार धूप में रहने और थकान के साथ ही डिहाइड्रेशन को होना बताया।
केस तीन हृदय रोग से पीड़ित 70 वर्षीय वृद्ध व्यंक्टेश मार्ग पर चक्कर खाकर गिर गए। उनमें इतनी कमजोरी आ गई कि वे खड़े नहीं हो सके। उनको दो जनों उठाकर बैठाया। चिकित्सक से जांच कराई तो पता लगा कि बीपी लो होने के कारण उन्हें ये समस्या हुई।
चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी ने हार्ट और बीपी के मरीजों की समस्या बढ़ा दी है। शरीर में सुस्ती, आंखों में धुंधलापन, चक्कर आना, कमजोरी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। बांगड़ अस्पताल में ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना वहां 30-35 मरीज इस बीमारी से ग्रसित आ रहे है। गर्मी व उमस के कारण हमेशा हाई बीपी रहने वाले मरीजों का बीपी लो भी हो रहा है। ऐसे मरीजों को ठीक होने में एक से दो सप्ताह लग रहा है। चिकित्सक हृदय रोग व हाइपरटेंशन की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। उन्हें तेज धूप के लगातार नहीं रहने और पर्याप्त पानी, फलों का जूस पीने की सलाह दी जा रही है।
बीपी अचानक घटने के कारण
-लंबे समय तक धूप में रहने से शरीर में सोडियम क्लोराइड की कमी हो जाती है। -फ्लूड की शरीर में कमी। -रक्त वहनियां फैल जाने से ब्लड पैरों में जमा होने लगता है। -दवाओं का डोज नहीं बदलना।
टॉपिक एक्सपर्ट
गर्मी में बीपी की समस्या नहीं हो इसके लिए शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। घर से खाली पेट नहीं निकलना चाहिए। धूप में लगातार नहीं रहना चाहिए। ग्लूकोज, ओआरएस, नीबू पानी व फलों का रस पीना चाहिए। बीपी की समस्या बढ़ने पर हृदयघात का भी खतरा रहता है। पंकज माथुर, फिजिशियन, बांगड़ चिकित्सालय, पाली
लक्षणों को नहीं करें नजर अंदाज
गर्मी में बीपी के उतार-चढ़ाव के तीन मुख्य कारण हैं। इनमें सोडियम क्लोराइड व फ्लूड की कमी और रक्त वाहिनियां फैल जाना है। अत्यधिक कमजोरी महसूस होने, चक्कर जैसे लक्षणों को नजरंदाज नहीं करें। डिहाइड्रेशन दूर करने पर्याप्त ओआरएस, आम का पना, नीबू पानी पीना चाहिए। डॉ. सु़खदेव चौधरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज, पाली