आरसीबी की जीत के जश्न की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार दोनों की पार्टी आलाकमान ने खिंचाई की है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेताओं के निर्देश के बाद कई कड़े कदम उठाए गए, जिनमें बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद को निलंबित करना और विधान पार्षद के. गोविंदराज को मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के पद से हटाना शामिल है। पार्टी आलाकमान ने कहा कि जमीनी हालात को ठीक से नहीं संभाला जा सका। दोनों नेताओं से फोन पर बात के दौरान कहा गया कि बिना किसी नियम का पालन किए जश्न मनाने की अनुमति देने की क्या आवश्यकता थी।
खरगे, राहुल खुश नहीं
सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इससे खुश नहीं हैं। इस दुखद घटना के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की छवि पर असर पड़ा है। पार्टी महासचिव व प्रदेश मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने कथित तौर पर दोनों शीर्ष नेताओं से बात की और जल्दबाजी में जश्न मनाने के निर्णय पर सवाल उठाए। अगले सप्ताह के अंत तक संभवत: दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।
आलाकमान के इशारे पर कार्रवाइयां
बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन माइकल डी कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया और पुलिस की ओर से दर्ज मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) को को सौंपी गई। हालांकि, प्रशासनिक चूक के लिए उसी रात मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जा चुके थे। यह भी दावा किया जा रहा है कि विधानसौधा के मंच पर मुख्यमंत्री के पोते और मंत्री जमीर अहमद खान के बेटे की मौजूदगी को लेकर भी पार्टी आलाकमान की ओर से आपत्ति जताई गई है। वहीं, शिवकुमार का आरसीबी टीम का स्वागत करने एचएएल हवाई अड्डा पहुंचना और आरसीबी का झंडा थामना, मौतों की सूचना मिलने के बावजूद स्टेडियम में जश्न जारी रखने का फैसला, पार्टी आलाकमान को रास नहीं आया।