उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नवीन पाठ्यक्रम हो। योग्य शिक्षक एवं शोध को बढ़ावा मिले। इसके अलावा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा का उद्योगों से जुड़ाव ज़रूरी है। छात्रों के लिए कौशल विकास और रोज़गारपरक शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए।
-डॉ अभिनव शर्मा, झालावाड़, राजस्थान
…………………………………….
उच्च शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं है, यह एक ऐसा यज्ञ है जिसमें शिक्षार्थी, शिक्षक और समाज तीनों की आहुति पड़ती है। जब तक शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, राष्ट्र सेवा और मानवता की सेवा नहीं बनेगा — तब तक केवल “संस्थान” बनते रहेंगे, “संस्कारित मनुष्य” नहीं। आवश्यकता है – गुणवत्ता की, संकल्प की और सतत प्रयासों की।
— मुकेश कुमार बिस्सा, जैसलमेर
……………………………….
परम्परागत पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति में सुधार की नितान्त आवश्यकता है जो उद्योग की आवश्यकताओं और आधुनिक समय के अनुरुप हो। किताबी ज्ञान से व्यावहारिक अनुभव ज्यादा जरूरी है। प्रायोगिक शिक्षा पर अधिक जोर देना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में योग्य और अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्हें नियमित प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के माध्यम से शिक्षण पद्धतियों में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षकों के प्रदर्शन का नियमित अंतराल पर मूल्यांकन कर उन्हें सुधार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा में अधिक रुचि हो।
— संजय निघोजकर, धार (मप्र)
…………………………………..
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, ताकि छात्र न केवल डिग्रीधारी बनें, बल्कि व्यावहारिक, नैतिक और नवोन्मेषी सोच वाले नागरिक भी बन सकें। इसके लिए शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाना, पाठ्यक्रम को समयानुकूल बनाना, शोध और नवाचार को प्रोत्साहन देना, तकनीकी एवं भौतिक संसाधनों को बेहतर करना, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच मजबूत संबंध बनाना, और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।
— जगदीश झीन्जा, नागौर
……………………………
शिक्षकों के खाली पड़े पदों को शीघ्र ही भरा जाए। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से दूर रखा जाए। तभी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
— प्रो. एसके सिंह, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
सरकार को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए “एप विकसित” करना चाहिए और इसमें उच्च शिक्षा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण शिक्षण सामग्री को रखा जाना चाहिए। जिससे विद्यार्थी अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके। सभी महाविद्यालयों में कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण जिसमें कम्प्यूटर, सिलाई, दोना-पत्तल आदि का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इन सभी महाविद्यालयों में ई-शिक्षा शुरू किया जाना चाहिए। स्थानीय व योग्य व्यक्तियों को शिक्षक भर्ती में स्थान दिया जाना चाहिए ।
- आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़