चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और मोबाइल क्लिनिक स्थापित करने चाहिए। डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर आधुनिक उपकरणों से युक्त व्यवस्था करनी चाहिए। टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य बीमा और जनजागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देकर रोगों की प्रारंभिक पहचान व उपचार सुनिश्चित करना चाहिए। निजी व सरकारी सहयोग से सस्ती, सुलभ और गुणवत्तायुक्त चिकित्सा प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। – संजय माकोड़े बैतूल
चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण हो। ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएं, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाना,जिनमें डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर व तकनीकी कर्मी शामिल हैं। गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं, इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं में उचित स्वच्छता और अस्पतालों में शुद्ध पेयजल,पंखे,बिजली ,कूलर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना,दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण, ई स्वास्थ्य रिकॉर्ड और टेली मेडिसिन जैसी तकनीक का उपयोग हो। साथ ही सभी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था हो जहां मरीजों और परिजनों के साथ डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों का उचित व्यवहार हो। अस्पतालों में मरीजों के साथ बदसलूकी न हो और इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही
नहीं हो सके। चिकित्सा उपकरणों का उचित रखरखाव रहे। आपातकालीन सेवा को मजबूत किया जाए, जिससे गंभीर मरीज को वक्त पर इलाज मिल सके। – शिवजी लाल मीना, जयपुर
स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को प्राप्त होने पर ही उसकी सार्थकता सिद्ध होगी। बुनियादी ढांचा सुधार, जागरूकता कार्यक्रम, टेक्नोलॉजी, रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना ज़रूरी है ताकि लोगों में पहले से बन चुकी छवि को सुधारा जा सके। – दामोदर शर्मा, लूणकरणसर (राज.)
चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सर्वप्रथम अस्पतालों में रिक्त पदों, चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ़ एव अन्य पदों पर नियुक्ति की जाए ताकि उन पर अतिरिक्त काम का दबाव न हो। अतिरिक्त काम के दबाव के चलते उन्हें शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कई बार मानसिक तनाव का शिकार भी होना पड़ता है। साथ ही जिस स्तर का अस्पताल है, वहां पर सभी संसाधन उपलब्ध हो, उनका रखरखाव भी पूर्णतया सही हो। – डॉ. कुसुम माथुर, उदयपुर