ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को कृषि तथा लघु एवं कुटीर उद्योगों के उन्नत तरीकों, आर्थिक मदद, ऋण आदि की विस्तृत जानकारी देकर व इन्हें सुलभ करवाकर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। – दर्शना जैन, खंडवा (मप्र)
ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अच्छा कार्य कर रहा है। उनके द्वारा निर्मित स्वयं सहायता समूहों से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। महिला समूह के माध्यम से बचत करने की प्रवृत्ति का महिलाओं में विकास हो रहा है। बैंकों से ऋण प्राप्त करके महिला समूह कई गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। स्वयं के रोजगार से जुड़कर यह समूह कई वस्तुओं का उत्पादन भी कर रहे हैं। कई गांवों में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन भी इनके द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में कुपोषण, अंधविश्वास बाल विवाह, पर्दा प्रथा, नशाखोरी, अशिक्षा आदि के उन्मूलन के लिए भी इन समूहों की सहायता ली जाना चाहिए। – ललित महालकरी, इंदौर
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा कौशल विकास वित्तीय सहायता और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास कर सकें इसके लिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए जैसे कृषि, डेयरी, फार्मिंग, हस्तशिल्प ,ब्यूटी पार्लर, बागवानी मुर्गा पालन और अन्य पारंपरिक उद्योगों का प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। महिलाएं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अपने उत्पादों को बेच सकें इसके लिए उन्हें डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण देना चाहिए। सरकार की तरफ से उद्योगों के लिए ऋण सुविधा प्रदान करनी चाहिए। सरकारी योजनाओं का वह किस तरह लाभ उठा सकती है उसके प्रति उन्हें जागरूक करना चाहिए। – लहर सनाढ्य, उदयपुर