भारतीय रेलवे के इन लोको मोटिव इंजीनियर्स को मौजूदा इंजीनियरिंग के हिसाब से ट्रेंड करने की जिमेदारी आईआईटी भिलाई को मिली है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है, जिसके पहले चरण में साऊथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के सेक्शन और सीनियर इंजीनियर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग लेने के बाद अब वे लोको मोटिव के ऑपरेशन, मेंटेनेंस, कंट्रोल के साथ इंजन में आने वाली समस्याओं को पहले से बेहतर समझेंगे और ठीक कर पाएंगे।
CG News: इंजीनियर्स बता रहे रियल टाइम प्रॉब्लम
इस ट्रेनिंग के दौरान रेलवे के मौजूदा इंजीनियर्स को टेक्नोलॉजी के इमरजिंग ट्रेंड बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही रेलवे इंजीनियर्स ने आईआईटी के एक्सपर्ट्स को इंजन में आने वाली समस्याएं भी साझा की है, जिसका समाधान आईआईटी ने दिया है। दस दिनों की इस ट्रेनिंग में
आईआईटी भिलाई रेलवे के सेक्शन और सीनियर सेक्शन इंजीनियर्स को इलेक्ट्रिकल, मेटलर्जीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे तमाम विषयों में अपग्रेड करेगा। खास बात यह है कि, इन रेलवे इंजीनियर्स को उनके काम के मुताबिक कौन सी चीजें सिखानी और समझानी है, उसके लिए आईआईटी भिलाई को सिलेबस खुद भारतीय रेलवे ने दिया है। जिन्हें ट्रेनिंग मिल रही है, वे सभी इंजीनियर्स इलेक्ट्रिक लोको मोटिव के हैं, जो 25 हजार वॉट के इंजन को समझकर दिक्कत दूर करते हैं।
रेलवे ने दिया ट्रेनिंग के लिए सिलेबस
ट्रेनिंग का प्रस्ताव भारतीय रेलवे से मिलने के बाद आईआईटी की टीम ने लोको मोटिव शेड में होने वाले कामकाज को बारीकी से समझा। कौन सी समस्याएं आती है, सबकुछ पता किया गया। आईआईटी भिलाई की एक टीम बिलासपुर रेलवे जीएम कार्यालय पहुंची, जहां ट्रेनिंग की रूपरेा तय की गई। जिसमें एक दशक पुराने
इंजीनियर्स के नॉलेज को बेसिक इलेक्ट्रिकल से लेकर इलेक्ट्रिकल ड्राइव, सेंसर्स एंड इंस्टूमेंटेशन, पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक ड्राइव, अपग्रेड पॉवर सिस्टम, कंट्रोल एंड कयुनिकेशन, पॉवर सिस्टम आदि बताएंगे।
अब टेक्नीशियंस की होगी ट्रेनिंग – ट्रेनिंग के दौरान हर दिन पहले इनकी थ्योरी कक्षाएं ली गई। इसमें जो पढ़ाया गया, उसका प्रैक्टिकल हैंड्सऑन के तौर पर दस दिनों तक सिखाया गया। शुक्रवार को इनकी ट्रेनिंग का समापन होगा। इसके बाद रेलवे अपने लोको मोटिव टेक्नीशियन की ट्रेनिंग कराएगा।
इस ट्रेनिंग के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) बजरंग लाल अग्रवाल भी पहुंचे। आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश और डीन डॉ. संतोष बिश्वास भी मौजूद रहे।