दीनवा लाडखानी के सात शहीद, तीन शहीदों की लगी हैं प्रतिमाएं-
राजस्थान के गांवों के साथ ही सबसे अधिक शहीदों की प्रतिमाएं शेखावाटी के गांवों में लगी हुई हैं। सीकर के फतेहपुर शेखावाटी कस्बे के दीनवा लाडखानी गांव में तीन शहीदों की प्रतिमाएं (मंदिर) बने हुए हैं। ये प्रतिमाएं शहीद मुखराम बुडानिया (सेना मेडल) , शहीद सूरजभान बुडानिया और शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की हैं। दीनवा लाडखानी गांव के सात जवान देश के लिए शहीद हो चुके हैं।
शहीद श्रवणसिंह को मिला था वीरता पुरस्कार-
सीकर के आंतरी गांव के शहीद श्रवणसिंह शेखावत करगिल युद्ध में 4 मई 1999 को शहीद हुए थे। करगिल युद्ध में सबसे पहले सीकर से श्रवणसिंह ही शहीद हुए थे। श्रवणसिंह को काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (डेल्टा फोर्स) के एक भाग के रूप में जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में तैनात किया गया था। यह यूनिट अक्सर आतंकवादियों के विरुद्ध अभियानों में संलग्न थी। शहीद को उनके असाधारण साहस, कर्तव्य के प्रति समर्पण और सर्वोच्च बलिदान के लिए 26 जनवरी 2000 को वीरता पुरस्कार, सेना पदक प्रदान किया गया था।
करगलि युद्ध में हमारे ये जवान हुए थे शहीद –
सीकर के करगिल शहीदों में श्रवणसिंह शेखावत, सिपाही श्योदान राम बिजारनिया हरिपुरा, लांस नायक दयाचंद जाखड़, रहनावा, सिपाही विनोद कुमार नागा रामपुरा, सिपाही बनवारी लाल बगरिया, सिगडोला छोटा, सिपाही गणपत सिंह ढाका, सिहोत छोटी सहित अन्य शहीद थे।
झुंझुनूं के धनूरी गांव के अब तक 16 जवान हो चुके शहीद-
झुंझुनूं जिले के धनूरी गांव से करीब 200 सैनिक वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं और 400 से अधिक सैनिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस गांव के 16 जवान शहीद हो चुके हैं। वहीं झुंझुनूं जिले के ही भिर्र गांव में 900 घर हैं। यह गांव देश को अब तक करीब 2250 फौजी दे चुका है। शेखावाटी में ऐसे अनगिनत गांव हैं, जहां एक ही परिवार की चार से पांच पीढ़ियां लगातार सेना में जा रही है।