scriptराजस्थान की घटना से लिया सबक, जर्जर स्कूलों में क्लास प्रतिबंधित, बिल्डिंग नहीं है तो किराए पर ले सकते हैं, सर्वे भी होगा | Classes are prohibited in dilapidated schools, if there is no building then it can be rented, a survey will also be conducted | Patrika News
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राजस्थान की घटना से लिया सबक, जर्जर स्कूलों में क्लास प्रतिबंधित, बिल्डिंग नहीं है तो किराए पर ले सकते हैं, सर्वे भी होगा

कलेक्टर रुचिका चौहान ने जर्जर स्कूलों का फिर से सर्वे के निर्देश दिए हैं। साथ ही जर्जर स्कूलों में क्लास लगाने को लेकर भी प्रतिबंधित किया है। जर्जर क्लास रूम से बच्चों को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाए।

ग्वालियरJul 28, 2025 / 10:03 pm

Balbir Rawat

Interdepartmental Coordination Meeting

Interdepartmental Coordination Meeting

https://www.patrika.com/bhopal-news/mp-assembly-monsoon-session-first-day-congress-protest-with-chameleon-19816096कलेक्टर रुचिका चौहान ने जर्जर स्कूलों का फिर से सर्वे के निर्देश दिए हैं। साथ ही जर्जर स्कूलों में क्लास लगाने को लेकर भी प्रतिबंधित किया है। जर्जर क्लास रूम से बच्चों को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाए। यदि बिल्डिंग नहीं है तो किराए पर भवन ले सकते है। इसके अलावा स्कूल में पानी टपकने या अन्य छोटी समस्या है तो स्कूल मदद से पूरा कराया जाए।
सोमवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई अंतर विभागीय समन्वय बैठक में सरपंच – सचिव संवाद कार्यक्रम, कुपोषण निवारण, सीएम हेल्पलाइन, अनुकंपा नियुक्ति, विभागीय पदोन्नति, राह-वीर योजना, स्कूली व यात्री वाहनों की जांच एवं शासकीय सेवकों की समग्र ई-केवायसी सहित शासन के अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई।

बैठक में यह दिए गए निर्देश

– जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास एवं सीएमएचओ को निर्देश दिए कि जिले में चिन्हित अति कम वजन के शतप्रतिशत बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) में भर्ती कराएं, जिससे ये बच्चे सुपोषित हो सकें। अति कम वजन के बच्चों का महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों के माध्यम से सत्यापन कराने के लिए भी कहा।
– क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो, इसके लिए लगातार स्कूली वाहनों की जांच जारी रखें। इसी तरह जिले में चलने वाली यात्री बसों की जांच भी की जाए।
– सडक़ दुर्घटना में घायल लोगों को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई राह-वीर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन अवर अर्थात एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को इस योजना के तहत शासन द्वारा 25 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं।

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