फास्टैग सिस्टम का दायरा बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड ने नई दिल्ली में फिनटेक कंपनियों के साथ एक कार्यशाला में मंथन किया। इसमें कंपनियों से फास्टैग के गैर टोल उपयोग पर सुझाव लिए गए। ताकि इस दिशा में सुझावों पर अमल किया जाए। एनएचएआई के अफसरों ने कार्यशाला में कहा कि फास्टैग इकोसिस्टम में केवल टोलिंग ही नहीं, बल्कि पूरे देश में डिजिटल यात्रा अनुभव प्रदान करने की अपार संभावनाएं हैं। फिनटेक कंपनियों और अन्य हितधारकों के सहयोग से हम फास्टैग को एक मजबूत प्लेटफॉर्म में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
वर्तमान में 98.5% टोल भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह फास्टैग कार्यक्रम देशभर के 1,728 टोल प्लाज़ा पर लागू है। अब तक लगभग 11.04 करोड़ फास्टैग 38 बैंकों ने जारी किए हैं।
सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह की दिशा बदल दी है। हम टोल संग्रह को कैशलेस, सुविधाजनक, समय-कुशल, धोखाधड़ी रहित और त्रुटिरहित कैसे बनाएं। सरकार इनोवेशन के लिए सुविधा प्रदाता बनेगी, और फिनटेक कंपनियां इसका समाधान देंगी, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिल सके।
फास्टैग के इन उपयोगों पर मंथन
• लेन-देन
• ईवी चार्जिंग
• पार्किंग
• बीमा