मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में शाम होते-होते धूलभरी आंधी के साथ तूफानी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही अगले 36 घंटे तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि मौजूदा समय में मॉनसून की उत्तरी ट्रफ रेखा जैसलमेर, बीकानेर, झुंझुनू, भरतपुर, रामपुर, सोनीपत, अनूप नगर और से होकर गुजरती है। जो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को देश के शेष हिस्सों में पहुंचने के लिए रफ्तार देने के लिए अनुकूल है। अगले दो दिनों में मॉनसून पूरे देश को कवर कर सकता है।
दिल्ली में बदला मौसम का मिजाज
मौसम विभाग का कहना है कि जहां एक ओर देश के विभिन्न राज्यों में मॉनसून की अच्छी बारिश दर्ज की जा रही थी। वहीं दिल्ली में मॉनसून का इंतजार बढ़ता जा रहा था। हालांकि शनिवार दोपहर बाद राजधानी के कुछ इलाकों में आसमान में काले बादल छा गए। इस दौरान तेज हवाएं चलने और कहीं-कहीं झमाझम बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। विभाग का कहना है कि आज शाम को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। हवा की गति 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है, जिससे पेड़ों और कच्चे ढांचों को नुकसान की आशंका भी जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली में यह मौसमी बदलाव उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण हो रहा है। राजधानी में बढ़ती नमी और उच्च तापमान ने मिलकर वातावरण को अस्थिर बना दिया है, जिससे आंधी और बारिश के हालात बने हैं। अनुमान है कि रविवार को अधिकतम तापमान गिरकर 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे गैर-जरूरी रूप से बाहर न निकलें, कमजोर ढांचों और पेड़ों के पास खड़े न हों और मौसम से संबंधित अपडेट्स पर नजर रखें।
देश में क्या मौजूदा मौसम की प्रणाली?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय की मानें तो दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इस चक्रवाती परिसंचरण से एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका रेखा गुजर रही है। यह पूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तरी झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैली हुई है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रही है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण ऊपर उल्लिखित पूर्व-पश्चिम गर्त के साथ विलीन हो गया है।
मौसम विभाग ने 29 जून के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 29 जूनको उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे तटीय बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में एक ताजा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने के आसार हैं। इसके प्रभाव में अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके असर से रविवार को शाम और रात के समय तेज आंधी के साथ झमाझम बारिश के आसार हैं।