दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि के बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके के नांगल ठाकरान में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल की बहनें रहती हैं। गैंगस्टर मंजीत महाल के बहनोई देवेंद्र पेशे से सरकारी शिक्षक हैं। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। शुक्रवार सुबह देवेंद्र का बेटा दीपक अपनी चार साल की बेटी और माता-पिता के साथ मॉर्निंग वॉक पर निकला था। इसी बीच सामने से आए बाइक सवार बदमाशों ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमले में एक बोली दीपक की चार साल की बेटी के हाथ को पार करते हुए निकल गई। जबकि दीपक को कम से कम छह गोलियां लगीं। इससे उनकी मौत हो गई।
हमले की आशंका नंदू गैंग पर
पुलिस के अनुसार, कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल का सगा भांजा दीपक बीटेक करने के बाद शेयर बाजार में ट्रेडिंग का काम करता था। उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और न ही उसका किसी गिरोह से सीधा जुड़ाव था। शुक्रवार सुबह वह अपने माता-पिता और बेटी के साथ मॉर्निंग वॉक पर निकला था। जैसे ही वे नांगल-बवाना रोड पर पहुंचे। बाइक पर सवार दो बदमाशों ने दीपक पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में हत्या के पीछे नंदू गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। बताया गया है कि हाल के दिनों में नंदू गिरोह और मंजीत महाल गैंग के बीच तनातनी बढ़ी थी। कुछ ही महीने पहले नंदू गैंग ने मंजीत महाल के करीबी प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दराल की भी पश्चिम विहार ईस्ट में हत्या करवा दी थी।
बेटी भी आई चपेट में, परिवार में मातम
फायरिंग के दौरान एक गोली दीपक की चार साल की बेटी के हाथ में जा लगी, जबकि दीपक को करीब आधा दर्जन गोलियां लगीं। घायल हालत में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने दीपक को मृत घोषित कर दिया। बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बवाना थाना पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच में जुटी है। पेशे से सरकारी शिक्षक दीपक के पिता देवेंद्र ने पुलिस को हमले की जानकारी दी। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और नंदू गैंग से जुड़े अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। दीपक के पिता ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार सुबह वह बेटे और पोती के साथ पत्नी समेत टहल रहे थे। नांगल-बवाना रोड पर दीपक बेटी के साथ थोड़ा आगे चल रहा था। इसी बीच सामने से आए बाइक सवारों ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अपनी बेटी को खुद से दूर करते हुए दीपक हमलावरों की ओर लपका, लेकिन ताबड़तोड़ गोलियां लगने से वह गिर गया। इस दौरान दीपक की बेटी उसकी ओर दौड़ पड़ी तो उसके हाथ में गोली लग गई। दीपक की बेटी बार-बार हमलावरों से दीपक को छोड़ने की गुहार लगा रही थी।
दीपक के पिता ने बताया “हम लोगों ने शोर मचाते हुए आसपास के लोगों से मदद मांगी। इसपर लोगों को आता देख हमलावर फरार हो गए। इसके बाद हमने लोगों की मदद से दीपक और उसकी बेटी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन हम अपने बेटे को बचा नहीं सके।” दूसरी ओर दीपक की चार साल की बेटी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। इकलौते बेटे की मौत से परिवार में मातम छाया है।