12.85 लाख रुपये की ठगी का मामला बना गिरफ्तारी की वजह
डीसीपी विचित्रवीर सिंह के अनुसार, 20 मई को एक व्यक्ति ने साइबर थाने में शिकायत दी थी कि उसके साथ 12,85,282 रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई है। पीड़ित ने बताया कि उसे टेलीग्राम के माध्यम से एक शख्स ने संपर्क किया और क्रिप्टोकरेंसी में भारी मुनाफे का झांसा देकर निवेश के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में आरोपी ने पीड़ित को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दिखाया, जहां निवेश की गई रकम बढ़ती नजर आ रही थी। लेकिन जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की तो उसे कोई अनुमति नहीं दी गई। तब जाकर उसे ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।
29 अलग-अलग बैंक खातों में भेजे गए थे पैसे
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने ठगी की रकम को 29 अलग-अलग बैंक खातों में भेजा था। इनमें से एक खाता महाराष्ट्र के पुणे में सक्रिय पाया गया, जिससे एटीएम के जरिए पैसे निकाले जा रहे थे। इसी जानकारी के आधार पर इंस्पेक्टर विकास कुमार, एसआई अरविंद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संजय और कॉन्स्टेबल सुशांत की टीम ने पुणे में छापा मारा और रुग्वेद को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मिले मोबाइल में वारदात से संबंधित डिजिटल सबूत भी पाए गए।
फिल्मों से ठग बनने तक का सफर
रुग्वेद अश्विन डेंगले ने बीएससी (केमिस्ट्री) की पढ़ाई की है और वह पहले मराठी फिल्मों में निर्माता के रूप में काम करता था। लेकिन लगातार हुए घाटे के कारण वह कर्ज में डूब गया। इसके बाद उसने साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखा। पहले वह फर्जी बैंक खाते तैयार करता था और क्रिप्टो टोकन (जैसे USDT) के जरिए ठगी की रकम मंगवाता था। बाद में वह खुद सीधे लोगों से संपर्क कर उन्हें फंसाने लगा और ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम देने लगा।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए मिले निवेश के प्रस्तावों से सावधान रहें। बिना सत्यापन के किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर पैसे ट्रांसफर न करें। यदि आपको भी कोई ऐसा संदेहास्पद कॉल या मैसेज मिला है, तो उसे तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।