सतत विकास और बुनियादी ढांचे पर जोर
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए अब ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने राजधानी के लिए एक व्यापक विकास योजना का खाका प्रस्तुत किया, जिसमें बेहतर स्कूल, आधुनिक अस्पताल, सुदृढ़ सड़क और परिवहन व्यवस्था, स्वच्छ जल व सीवर व्यवस्था, सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग, वर्षा जल संचयन और यमुना नदी का पुनर्जीवन जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल थे। रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री के उस कथन का हवाला देते हुए कहा, “अगर दिल्ली आगे बढ़ेगी, तो देश आगे बढ़ेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार के सभी मंत्री प्रतिदिन 16 से 18 घंटे तक काम कर रहे हैं, ताकि दिल्ली फिर से देश के अग्रणी राज्यों और शहरों की कतार में खड़ी हो सके।
27 साल से दिल्ली में नहीं हुआ विकास
सीएम ने यह भी स्वीकार किया कि बीते 27 सालों में दिल्ली विकास की दौड़ में काफी पीछे रह गई है। उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों ने इन वर्षों में बहुत कुछ खोया है। अब वक्त है कि हम इसे शून्य से एक नई शुरुआत दें और ऐसा विकास मॉडल अपनाएं जो सभी के लिए समान अवसर और सम्मान का आधार बने।” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से जुड़े पुराने श्रम कानूनों की भी खुलकर आलोचना की। उन्होंने विशेष रूप से 1954 के उस प्रावधान का जिक्र किया, जो महिलाओं को रात की पाली में काम करने से रोकता था। गुप्ता ने कहा, “रात में काम करना है या नहीं, यह महिलाओं की अपनी पसंद होनी चाहिए। सरकार का काम है सुरक्षित वातावरण देना, न कि उनकी आज़ादी पर पाबंदी लगाना।”
राजधानी को ‘नई दिल्ली’ बनाने का संकल्प
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने यह पुराना प्रतिबंध अब हटा दिया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाओं को सुरक्षित, सुविधाजनक और समान अवसर मिले। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने भाषण के अंत में कहा, “दिल्ली भारत की राजधानी है। यह तेज़ विकास, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और अपने नागरिकों को बेहतर जीवन देने की पूरी तरह हकदार है। हमारे पास इसे फिर से बनाने और सही दिशा में ले जाने का अब एक सुनहरा मौका है।” रेखा गुप्ता की यह घोषणा न केवल झुग्गीवासियों के लिए राहत है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि दिल्ली सरकार अब समावेशी और जनकल्याण केंद्रित नीतियों की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रही है।
रेखा गुप्ता के ऐलान से लाखों लोगों को होगा फायदा
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के इस ऐलान से लाखों लोगों को फायदा होगा। दरअसल, दिल्ली में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़े स्तर पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। इसे आम आदमी पार्टी ने तो मुद्दा बनाया ही था, साथ में झुग्गी बस्ती वालों में भी डर का माहौल व्याप्त हो गया था। डीडीए के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की कुल शहरी एक करोड़ 61 लाख के आसपास है। जबकि दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ 21 लाख के आसपास है। इसमें से करीब 15-16 लाख लोग झुग्गी बस्तियों में निवास करते हैं। इस हिसाब से सीएम के इस ऐलान से इन लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।