नेहरू ने कहा कि जनता से कुछ नहीं छिपाया जाएगा
खड़गे ने कहा, ‘1962 में जब भारत-चीन युद्ध चल रहा था, तब प्रधानमंत्री नेहरू ने कुछ विपक्षी सांसदों की मांग पर विशेष सत्र बुलाया था। तब भी मांग थी कि सीक्रेट सेशन हो, लेकिन नेहरू ने कहा कि जनता से कुछ नहीं छिपाया जाएगा। यह था हमारा लोकतंत्र।’
‘तो पीएम मोदी कुर्सी पर बैठने लायक नहीं’
खड़गे ने तीखे लहजे में कहा, आज के प्रधानमंत्री विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। अगर पीएम मोदी में सुनने की क्षमता नहीं है तो वह कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी कोई संवेदनशील मुद्दा आता है, मोदी सरकार या तो भाग जाती है या फिर चुप्पी साध लेती है। उन्होंने कहा कि ये लोग ना तो विशेष सत्र बुलाते हैं और ना सच्चाई सामने लाते हैं। यहां तक कि जब सर्वदलीय मीटिंग होती है तो PM मोदी चुनाव प्रचार में व्यस्त हो जाते हैं।
‘हमारे पत्रों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन जवाब तक नहीं आया। हमारे पत्रों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है। इतना अहंकार किसी भी लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री के लिए शोभा नहीं देता।
‘एक दिन आएगा जब आपका अहंकार टूटेगा’
खड़गे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, एक दिन आएगा जब आपका अहंकार टूटेगा। जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी। इस दौरान भाजपा सांसदों ने खड़गे की टिप्पणी पर आपत्ति जताई, लेकिन विपक्ष का रुख आक्रामक बना रहा। संसद में मंगलवार का दिन एक बार फिर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी तकरार का गवाह बना।
राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति PM मोदी गंभीर नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि 24 अप्रैल को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। पूरा विपक्ष मीटिंग में था, लेकिन PM मोदी नहीं आए। वे सउदी अरब से लौटते ही बिहार में रैली करने चले गए। क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति PM की यही गंभीरता है? - 2016 में उरी और पठानकोट में आतंकी हमला हुआ
- 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ
- 2025 में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ
इन सभी घटनाओं से साफ़ है कि बार-बार देश की सुरक्षा में चूक हो रही है। इन घटनाओं के लिए गृह मंत्री जिम्मेदार हैं, इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।