‘क्रिकेट से नहीं, कार्रवाई से मिलेगा जवाब’
ओवैसी ने कहा, क्या आपकी आत्मा यह इजाजत देती है कि बैसारन में मारे गए लोगों के परिजनों से कहें कि अब आप भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखें? हम 80 प्रतिशत पाकिस्तान का पानी रोक रहे हैं, कहते हैं खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते… फिर आप क्रिकेट मैच क्यों खेलना चाहते हैं?
‘क्या 25 शहीदों से कहेंगे कि अब पाकिस्तान से मैच देखो?’
उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इस सरकार में इतना साहस है कि वह 25 मरे हुए लोगों से कह सके कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में बदला ले लिया है, अब आप पाकिस्तान से मैच देखें?उन्होंने इसे ‘बहुत अफसोसजनक’ करार दिया।
‘7.5 लाख जवान होने के बावजूद आतंकी कैसे घुसे?’
ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, हमारे पास 7.5 लाख की सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बल हैं। फिर ये चार चूहे कहां से आ गए जो हमारे नागरिकों को मारकर चले गए? उनकी जवाबदेही किस पर तय होगी? उन्होंने यह भी पूछा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या हम सिर्फ ऑपरेशन का तमाशा दिखाकर संतुष्ट हो जाएंगे?
‘बदला पूरा हुआ या जिम्मेदारी से बची सरकार?’
ओवैसी ने कहा कि मेरी आत्मा मुझे पाकिस्तान से क्रिकेट मैच देखने की इजाजत नहीं देती। यह बयान तब आया जब भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी क्रिकेट मैच को लेकर बहस छिड़ी हुई है, खासकर जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों के बाद। इस बयान के बाद सत्तापक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि विपक्षी खेमे के कुछ नेताओं ने ओवैसी की भावनाओं से सहमति जताई।