छात्रों को साहस, एकता का पाठ
इन मॉड्यूल को पूरक सामग्री के रूप में पेश किया गया है, जिनमें हमलों के नक्शे, मार गिराए गए पाकिस्तानी ड्रोन की तस्वीरें और स्वदेशी रक्षा प्रणालियां शामिल हैं। एनसीईआरटी ने इस ऑपरेशन को ‘एक सैन्य सफलता, एक तकनीकी उपलब्धि और एक राजनीतिक संदेश’ बताया है। इन मॉड्यूल का उद्देश्य छात्रों को साहस, एकता और देशभक्ति के पाठ पढ़ाने के साथ-साथ भारत की रक्षा क्षमताओं और आतंक के खिलाफ खड़े होने की सीख देना है।राष्ट्रीय एकता का संदेश
मॉड्यूल में इस पर भी जोर दिया गया है कि हमले के बाद पूरा देश कैसे एकजुट हुआ। देशभर में कैंडल मार्च हुए, मुस्लिम समुदायों ने काली पट्टियां बांधकर विरोध जताया और कश्मीर में दुकानदारों ने दुकानें बंद रखकर आतंक की निंदा की। ‘सिंदूर’ नाम पीड़ितों की विधवाओं के सम्मान में चुना गया, जो सहानुभूति और एकता का प्रतीक है।तकनीकी और कूटनीतिक उपलब्धियां
एनसीईआरटी के मुताबिक, ऑपरेशन ने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा पहल की ताकत दिखा दी। स्वदेशी जेट, मिसाइल, ड्रोन और उपग्रहों का प्रदर्शन हुआ। कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने अमरीका को जुलाई 2025 में ‘टीआरएफ’ को विदेशी आतंकी संगठन घोषित करने के लिए सहमत कर लिया।दो स्तरों के लिए अलग मॉड्यूल
1) कक्षा 3 से 8: ‘ऑपरेशन सिंदूर – वीरता की गाथा’ साहस, सहानुभूति और मिशन के मानवीय पक्ष पर आधारित है।2) कक्षा 9 से 12: ‘ऑपरेशन सिंदूर – सम्मान और बहादुरी का मिशन’ सामरिक उद्देश्यों, तकनीकी प्रगति और भारत की सैन्य शक्ति पर केंद्रित है।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
- मॉड्यूल बताते हैं कि पाकिस्तान के सैन्य व राजनीतिक नेतृत्व के आदेश पर 22 अप्रैल, 2025 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने बैसरन घाटी में हमला किया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए।
- भारत ने 7 मई 2025 को तड़के 1:05 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। नौ आतंकी ठिकानों को केवल 22 मिनट में नष्ट कर दिया। इसमें राफेल और सुखोई-30एमकेआई जेट, ब्रह्मोस मिसाइलें, ड्रोन और इसरो की सैटेलाइट का इस्तेमाल किया गया।
- पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भारत की एस-400 और आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया। नौसेना ने अरब सागर में प्रभुत्व कायम रखा और बीएसएफ ने घुसपैठ रोक दी।