मुफ्ती ने कहा- कुछ बुरा होने वाला है
आज को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में PDP प्रमुख व पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें कुछ बुरा होने का अंदेशा लग रहा है। मुफ्ती ने कहा कि मुझे अपनी आशांकाएं हैं। साल 2019 में उन्होंने राज्य को दो भागों में तोड़ दिया। हमें बेदखल कर दिया गया। उनका मुख्य निशाना कश्मीरी मुसलमान थे। इसलिए मुझे लगता है कि हमें और अधिक शक्तिहीन करने और हमें विखंडित करने के लिए कुछ और भी बुरा होने वाला है। संसद का मानसून सत्र जारी है। साल 2019 में भी मानसून सत्र के दौरान ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार आज बड़ा फैसला ले सकती है। बीते कुछ दिनों के घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने पीएम मोदी और शाह ने की मुलाकात
दरअसल, पीएम मोदी और अमित शाह रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए पहुंच गए थे। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की। इसके कुछ ही देर बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी महामहिम से मिलने के लिए पहुंचे। दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति से क्या बातचीत की, इसे लेकर जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बातचीत जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई है।।
NSA डोभाल के साथ शाह की मीटिंग
4 अगस्त को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई। जानकारी सामने आई कि इस बैठक में देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं व अधिकारियों ने आंतरिक सुरक्षा का आकलन किया। इस बैठक का कनेक्शन भी जम्मू-कश्मीर से जोड़ा गया।
केंद्र के साथ सामंजस्य बैठाकर चल रहे उमर
जम्मू कश्मीर में नेशलन कॉन्फ्रेंस की सरकार बनने के बाद एक बार भी ऐसी खबरें सामने नहीं आई है, जहां केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराटह हो। कई मुद्दों पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी और भारत सरकार की तारीफ भी की। जम्मू-कश्मीर दौरे पर जब भी पीएम मोदी गए, उमर उनके साथ नजर आए। पहलगाम हमले के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच तालमेल दिखा। गौरतलब है कि समय-समय पर पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री भी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं।