script9 अगस्त को राखी ही नहीं, इसी दिन शुरू हुई थी आजादी की सबसे बड़ी लड़ाई, सैकड़ों मौत-हजारों की हुई गिरफ्तारी | Not only Rakhi is celebrated on 9th August, the biggest fight for freedom started on this day, hundreds died and thousands were arrested | Patrika News
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9 अगस्त को राखी ही नहीं, इसी दिन शुरू हुई थी आजादी की सबसे बड़ी लड़ाई, सैकड़ों मौत-हजारों की हुई गिरफ्तारी

Raksha Bandhan 2025: 9 अगस्त को देश भर में राखी का त्योहार मनाया जाएगा। राखी को लेकर बाजारों में तैयारी शुरू हो गई है।

भारतAug 05, 2025 / 09:00 pm

Ashib Khan

महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था (Photo- X @RahulGandhi)

Raksha Bandhan 2025: देशभर में 9 अगस्त को भाई-बहन के पवित्र बंधन का त्योहार राखी मनाई जाएगी। इस बार राखी का त्योहार ऐसे महत्वपूर्ण दिन के साथ जुड़ा हुआ है, जब भारत ने अपने स्वतंत्रता संग्राम में एक निर्णायक कदम उठाया था। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसलिए कैट यानी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देश भर के व्यापारियों से आग्रह किया है कि वो इस बार राखी त्यौहार को ‘राष्ट्रभक्ति राखी उत्सव’ के रूप में मनाएं। एक ओर जहां ये दिन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होगा, वहीं दूसरी तरफ देशभक्ति की भावना को भी जीवंत करेगा। 

राखी को लेकर तैयारी हुई शुरू

रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में तैयारी शुरू हो गई है। दुकानों पर राखी नजर आने लग गई है। महिलाओं ने भी अपने भाइयों के लिए राखी खरीदना शुरू कर दिया है। बाजरों में कई तरह से डिजाइन की हुई राखियां मौजूद है। वहीं चीन से आने वाली राखियों की बाजार में कोई मांग नहीं है। 

गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ आंदोलन

बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति का भी नाम दिया गया। 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। यह आंदोलन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य देश को अंग्रेजों से आजाद कराना था। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरूआत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन से की थी। लेकिन इस आंदोलन की जैसे ही शुरूआत हुई 9 अगस्त 1942 को दिन निकलने से पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। 

कई लोग मारे गए

यह आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं रहा। इस आंदोलन में सैकडों लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इसके अलावा 60 हजार से अधिक लोगों ने गिरफ्तारी भी दी थी। इस आंदोलन से अंग्रेजों की नींव हिल गई थी। 

महात्मा गांधी ने दिया करो या मरो का नारा

देश के लोगों पर इस आंदोलन का काफी प्रभाव पड़ा था। वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस आंदोलन के दौरान ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। देश के लोगों को इस नारे ने इतना प्रभावित किया कि अंग्रेजों को भारत को छोड़कर जाना पड़ा। 

किसने दिया था भारत छोड़ो का नारा

महात्मा गांधी ने भारत छोडो का नारा दिया था। वहीं इस नारे को यूसूफ मेहर अली ने गढ़ा था। यूसूफ मेहर अली समाजवादी और ट्रेड यूनियन के नेता थे। बता दें कि 1928 में, मेहरअली ने ही “साइमन वापस जाओ” का नारा गढ़ा था।

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