पोर्टल पर दर्ज होगी खेत, पेड़ों प्रजातियां और समयावधि
आदर्श नियमों के अनुसार आवेदकों को अपने बागानों व खेतों को राष्ट्रीय इमारती लकड़ी प्रबंधन प्रणाली (एनटीएमएस) पोर्टल पर पंजीकृत करना आवश्यक है। यह पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इसमें भूमि स्वामित्व की जानकारी, केएमएल फाइल के साथ खेत का स्थान, प्रजातियां, रोपण अवधि आदि सहित बुनियादी वृक्षारोपण डेटा प्रस्तुत करना शामिल है। आवेदक समय-समय पर वृक्षारोपण की जानकारी को अपडेट कर सकते हैं। ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए वृक्षारोपण की जियोटैग की गई तस्वीरें भी अपलोड कर सकेंगे।कटाई के लिए ऑनलाइन आवेदन
पंजीकृत वृक्षारोपणों से पेड़ों की कटाई करने के इच्छुक आवेदक एनटीएमएस के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस पर सत्यापन करने वाली एजेंसियां साइट का निरीक्षण करेंगी और उनकी सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कृषि भूमि के लिए पेड़ों की कटाई के परमिट जारी किए जाएंगे। प्रभागीय वन अधिकारी समय-समय पर पर्यवेक्षण और निगरानी के माध्यम से इन एजेंसियों के प्रदर्शन की देखरेख करेंगे।गुड न्यूज! सस्ता हुआ LPG गैस सिलेंडर, जानिए कितने घटे दाम
यह होगा फायदा
-ग्रामीण आजीविका बढ़ेगी-मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार
-जैव विविधता का संरक्षण
-वृक्ष आवरण में वृद्धि होगी
-जल संरक्षण बेहतर होगा
-जलवायु सुधार में योगदान
-लकड़ी के लिए वनों पर दबाव कम होगा
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केस स्टडीः 200 बांस के पेड़ों से कमाए दो लाख
मैंने अपने धरियावद में स्थित गांव गदवास (राजस्थान) में खेत की मेड़ पर बांस के करीब 200 पौधे लगाए थे। इसे आज से करीब पांच साल पहले बेचकर दो लाख रुपए की आय हुई। वहीं अब मैंने अपने खेत में अन्य प्रजातियों के करीब 11 हजार पेड़ लगाए हैं। राजस्थान सरकार ने इस योजना में सीमित प्रजाति के पेड़ों को शामिल कर रखा है। महागनी, नीलियाडुबिया, आस्ट्रेलियन टीक (अकेशिया मेेनजियम) के साथ बहुमूल्य इमारती लकड़ी वाले सागवान, चंदन, काला शीशम के पेड़ों की खेती के लिए अन्य राज्यों की सरकारों ने नियम बना रखे हैं। राजस्थान सरकार को इस पर जल्द संशोधन करना चाहिए, जिससे किसानों को फायदा मिले।-भरत तैमिनी, रिटायर्ड आइएफएस, राजस्थान