Operation Sindoor के बाद पाकिस्तान ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी ? जानें इस पर विदेश सचिव ने क्या दिया था जवाब
Operation Sindoor: सदस्यों ने विदेश सचिव से पूछा कि भारत ने इस संघर्ष में कितने विमान गवाएं। इस सवाल का जवाब देते हुए विदेश सचिव ने कहा कि यह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है, इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
विदेश सचिव ने संसदीय स्थायी समिति को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी दी (Photo-ANI)
Operation Sindoor: विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति की सोमवार को एक बैठक हुई। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के बारे में सिलसिलेवार जानकारी दी। इस दौरान विदेश सचिव ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव पारंपरिक हथियारों तक ही सीमित रहा। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किसी तरह का परमाणु हमला करने की कोई धमकी नहीं मिली।
‘भारत-पाक के बीच संघर्षविराम द्विपक्षीय स्तर पर हुआ’
वहीं इस दौरान विदेश सचिव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम द्विपक्षीय स्तर पर हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। साथ ही कहा कि सीजफायर के बीच में अमेरिकी राष्ट्रपति ने आने के लिए हमसे अनुमति नहीं ली थी, वो आना चाहते थे, इसलिए आ गए।
चीनी हथियारों के इस्तेमाल पर क्या बोले विदेश सचिव
पाकिस्तान द्वारा चीन के हथियारों के इस्तेमाल करने के सवाल पर विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने जो भी हथियारों का इस्तेमाल किया हमारी सेना ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया। हमने पाकिस्तान के एयरबेस तबाह कर दिए।
भारत ने कितने विमान इस संघर्ष में गवाएं?
सदस्यों ने विदेश सचिव से पूछा कि भारत ने इस संघर्ष में कितने विमान गवाएं। इस सवाल का जवाब देते हुए विदेश सचिव ने कहा कि यह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है, इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
‘पाकिस्तान को जानकारी दे दी गई थी’
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान को जानकारी दे दी गई थी। विदेश सचिव ने यह स्पष्टीकरण विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा किए गए एक्स पोस्ट पर हुए सवाल-जवाब के संदर्भ में दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
इस बैठक में सोशल मीडिया में विदेश सचिव की अपमानजनक ट्रोलिंग के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। साथ ही माना कि विदेश सचिव एक पेशेवर और ईमानदार राजनयिक है।