गिरफ्तार आरोपी की पहचान मोहम्मद तारीफ के रूप में हुई है। जो तावड़ू उपखंड के कंगारका गांव का रहने वाला है। उसे रविवार शाम को पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में गांव बावला के पास से पकड़ा गया। तारीफ पर आरोप है कि वह दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात दो अधिकारियों आसिफ बलोच और जाफर को वॉट्सऐप के माध्यम से भारतीय सैन्य गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारियां भेज रहा था। इसके बदले में उसे आर्थिक लाभ भी मिल रहा था।
मोबाइल से मिटाने लगा सबूत, पुलिस ने रोका
गिरफ्तारी के वक्त तारीफ ने अपने मोबाइल फोन से चैट्स डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन एजेंसियों ने तत्परता दिखाते हुए फोन जब्त कर लिया। शुरुआती जांच में उसके मोबाइल से पाकिस्तानी नंबरों के साथ चैट, फोटो, वीडियो और सैन्य स्थानों की तस्वीरें बरामद हुई हैं। उसके खिलाफ तावड़ू सदर थाने में भारतीय दंड संहिता, ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 और देशद्रोह की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। गांव में डॉक्टरी करता है आरोपी तारीफ
आरोपी मोहम्मद तारीफ गांव में डॉक्टर बनकर काम करता था। उसके पास डिग्री है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। वह 2023 और 2024 में दो बार पाकिस्तान गया था, जहां उसका पारिवारिक संबंध बताया जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि वह अलग-अलग सिम कार्ड से पाकिस्तान में संपर्क बनाए हुए था। तारीफ के पिता हनीफ ने अपने बेटे पर लगे आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनका पाकिस्तान में पारिवारिक रिश्ता है, और बेटा उसी संबंध में गया था। पीटीआई से बातचीत में हनीफ ने कहा, “हमारे ताऊ पाकिस्तान में रहते हैं। डेढ़ साल पहले मैं, मेरा बेटा और बहू वहां गए थे। जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो झूठे हैं।”
इसी हफ्ते हुई थी एक और गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इसी सप्ताह दो दिन पहले नूंह जिले के ही राजाका गांव से 26 वर्षीय अरमान नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। उस पर भी पाक उच्चायोग से जुड़े संपर्कों के माध्यम से भारतीय सैन्य जानकारी साझा करने का आरोप है। पुलिस जांच में सामने आया कि अरमान सोशल मीडिया और वॉट्सऐप के जरिये जानकारी भेजता था और पाकिस्तान में सक्रिय एजेंट्स को सिम कार्ड तक मुहैया कराता था।