किसी भी लड़की के पास नहीं था टिकट
बता दें कि मामला तब सामने आया जब आरपीएफ कर्मियों ने ट्रेन के एक कोच में बड़ी संख्या में युवतियों को एक साथ यात्रा करते देखा। उनकी सतर्कता तब और बढ़ गई जब टिकट चेक करने पर पता चला कि किसी भी युवती के पास टिकट नहीं था। इसके बजाय उनके हाथों पर कोच और सीट नंबर की मुहर लगी थी।
नौकरी का दिया था झांसा
पुलिस ने लड़कियों को ले जा रहे महिला व युवक से पूछताछ की। पुलिस ने उनसे पूछा कि जब लड़कियों को बेंगलुरु में नौकरी दिलाने का वादा किया था तो बिहार क्यों ले जाया जा रहा है। इस सवाल का दोनों जवाब नहीं दे पाए, साथ ही दोनों लोग अलग-अलग बातें भी बताने लग गए।
पुलिस ने दोनों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने महिला और युवक को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में अधिकारियों ने बताया कि दोनों लोग लड़कियों को बिहार ले जाने की कोई वजह नहीं बताए पाए साथ ही उनके पास कोई भी कागजात नहीं था। लड़कियों को न्यू जलपाईगुड़ी-पटना कैपिटल एक्सप्रेस से बिहार ले जा रहे थे।
परिजनों को सौंपी लड़कियां
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मानव तस्करी के पहलू से जांच शुरू की। बचाई गई सभी 56 लड़कियों को सुरक्षित उनके परिवारों के पास भेज दिया गया है।