मरम्मत कार्य पर सवाल खड़े रविवार को पुराना अस्पताल में संचालित एमसीएच विंग के लैब में प्लास्टर गिरने के बाद शिफि्टंग से पूर्व लाखों रुपए खर्च कर कराए गए मरम्मत कार्य पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इससे पहले जेएलएन अस्पताल में दो-तीन बार अलग-अलग जगह प्लास्टर गिर चुका है और कई जगह सीलन आने से डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के साथ मरीजों को भी हादसे की आशंका सता रही है।
तीन-चार साल से भेज रहे रिपोर्ट रामदेव पित्ती अस्पताल परिसर में बने भवन में आयुर्वेद व होम्योपैथिक अस्पताल संचालित हैं। यह भवन काफी समय से क्षतिग्रस्त हो रहा है। विभाग की ओर से हर साल इसकी रिपोर्ट मांगी जाती है, जो हम पीडब्ल्यूडी के अभियंता की रिपोर्ट के साथ तीन-चार साल से भिजवा रहे हैं, लेकिन बजट नहीं मिल रहा। डर के साये में ड्यूटी कर रहे हैं। सोमवार को ही छत का प्लास्टर गिरा है।
– डॉ. रामकिशोर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, होम्योपैथी चिकित्सा केन्द्रों का करवा रहे निरीक्षण जिले में जर्जर व मरम्मत योग्य स्कूल भवनों के साथ अस्पताल भवनों का सर्वे करने के लिए टीम गठित की है। दो-तीन दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद स्थिति अनुसार निर्णय लिया जाएगा, यदि मरम्मत योग्य है तो मरम्मत करवाएंगे और यदि कोई ज्यादा खराब स्थिति में है तो उसको खाली करवाएंगे, ताकि कोई हादसा नहीं हो।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर