दरअसल, मेड़ता क्षेत्र में कुछ दिनों पहले हुई भारी बारिश के बाद खेत तलैया बन गए हैं। बुवाई के बाद खरीफ की जिंसें पानी से खराब ना हो, इसको लेकर काश्तकार पम्प लगाकर पानी खेतों से बाहर निकाल रहे हैं। लेकिन यह पानी मुख्य सड़कों पर छोड़े जाने से सड़कों को नुकसान हो रहा है। इसको लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता देवकरण गोदारा ने सोगावास-खेडूली मार्ग पर पहुंचकर खेतों से सड़क पर पानी की निकासी कर रहे काश्तकारों से समझाइश की। एक्सईएन ने अपील की है कि यह सड़कें आपके आवागमन की सुविधा के लिए बनाई गई है। सोगावास-खेडूली मार्ग सहित कई अन्य प्रमुख रास्तों पर काश्तकार इस तरह खेतों का पानी सीधा सड़कों पर छोड़ रहे हैं। जिससे सड़कों को नुकसान हो रहा है। इसलिए काश्तकार पानी की निकासी सड़क पटरी किनारे खाई इत्यादि बनाकर करें। ताकि सड़कों को नुकसान ना हो और किसानों का पानी भी खेत से निकल जाए।
पानी है खराब होती है डामर की सड़कें एक्सईएन गोदारा ने बताया कि डामर की सड़कें पानी से जल्दी खराब होकर टूट जाती है। वैसे भी बारिश के दिनों में सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त होती है। ऐसे में खेतों से निकलने वाले पानी से भी सड़कें भर जाए तो नुकसान होगा ही। इसलिए किसान मुख्य सड़क की बजाय किनारे खाई बनाकर पानी छोड़े। एक्सईएन गोदारा ने बताया कि अब ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित विभाग सड़कों के नुकसान को लेकर मुकदमा दर्ज करवाने सहित आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगा।