इस पदोन्नति की जानकारी दया नायक ने खुद ‘एक्स’ पर दी है। उन्होंने लिखा, “गर्व और कृतज्ञता के साथ बताना चाहता हूं कि मुझे सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रूप में पदोन्नति मिली है। काश सेवा करने के लिए इस पद पर मुझे और समय मिलता, लेकिन मैं पूरी संतुष्टि के साथ यह कह सकता हूं कि मैंने अपने राज्य और देश की सेवा पूरी निष्ठा और क्षमता से की है। यह एक सम्मानजनक पड़ाव है, और इस तक पहुंचने का सफर भी मेरे लिए गर्व का विषय है। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।”
कौन है दया नायक
1995 बैच के पुलिसकर्मी दया नायक मुंबई पुलिस के उन चुनिंदा अफसरों में से हैं, जिनका नाम अपराधियों में खौफ और आम जनता में भरोसे का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने अपने 30 वर्ष के पुलिस करियर में लगभग 80 एनकाउंटर किए और मुंबई शहर में माफिया विरोधी कार्रवाई में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है। कुछ वर्ष पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में नायक को लगभग साढ़े छह साल के लिए निलंबित भी किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें पुलिस बल में बहाल कर दिया गया। दया नायक ने 1995 में मुंबई पुलिस फोर्स जॉइन की थी और वर्तमान में क्राइम ब्रांच की बांद्रा यूनिट में तैनात हैं, 1990 के दशक में उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने कई कुख्यात गैंगस्टरों को एनकाउंटर में ढेर किया। उन पर फिल्म भी बनाई गई है।
नायक के खिलाफ वर्ष 2006 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई। नायक को एसीबी ने गिरफ्तार भी किया था। नायक ने महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) में भी सेवा दी है और वे उस टीम का हिस्सा रहे जिसने 2021 में मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया पर सुरक्षा खतरे और इसके बाद ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी सुलझाई थी। इसके अलावा, वे अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले और एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले की जांच टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं।