अरुण जगताप अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, एक बेटी, बहू, पोते-पोतियां से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके बेटे संग्राम जगताप अहिल्यनगर शहर से लगातार तीन बार से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि उनके छोटे बेटे सचिन जगताप जिला परिषद के सदस्य हैं। अरुण जगताप का सम्पूर्ण जीवन समाजसेवा, विकास और लोगों से जुड़ाव को समर्पित रहा।
राजनीति में अरुण जगताप का सफर युवक कांग्रेस के अध्यक्ष पद से शुरू हुआ था। इसके बाद वे नगर परिषद में पार्षद बने और लगातार पांच वर्षों तक अहमदनगर नगरपरिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। दो बार वे विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए, हालांकि अहमदनगर विधानसभा क्षेत्र से वे दो बार चुनाव हार गए। बाद में वे फिर नगरसेवक बने, लेकिन महापौर पद के लिए उन्होंने स्वयं की जगह अपने बेटे संग्राम जगताप को आगे बढ़ाया। उन्होंने जिले की सहकारी बैंक में संचालक के रूप में भी काम किया और आयुर्वेद शास्त्र मंडल के अध्यक्ष रहते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान दिया। खेल जगत से भी उनका गहरा नाता था। वे जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के रूप में वर्षों तक सक्रिय रहे। वह महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य के पद पर रह चुके हैं।
राजनीतिक जीवन में उन्होंने एक समय शिवसेना में भी प्रवेश किया था, लेकिन कुछ ही महीनों में उन्होंने शिवसेना को अलविदा कह दिया और फिर से एनसीपी में शामिल हो गए। वे जिले में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।
पूर्व विधायक अरुण जगताप का अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे अहिल्यनगर स्थित अमरधाम श्मशानभूमि में किया जाएगा। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए भवानीनगर स्थित निवास स्थान पर रखा जाएगा, जहां बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अरुण जगताप के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, अरुण काका जगताप के दुखद निधन से राजनीति, समाजसेवा, कला, खेल, शिक्षा और सहकार जैसे अनेक क्षेत्रों में सक्रिय, आम जनता से गहरा जुड़ाव रखने वाला एक कर्तृत्ववान नेतृत्व हमने खो दिया है। उनका निधन अहिल्यनगर जिले के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर उनके पुत्र विधायक संग्राम जगताप, समस्त जगताप परिवार और कार्यकर्ताओं को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करे। हम सभी जगताप परिवार के इस दुःख में सहभागी हैं। ईश्वर स्वर्गीय अरुण काका की आत्मा को शांति प्रदान करे।