कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
जानकारी के मुताबिक, नागपुर जिले में लाडकी बहीन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के लिए 5.80 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। शुरुआती किस्त भी कई लाभार्थियों के खाते में भेज दी गई थी। लेकिन बाद में जब जांच हुई, तो पाया गया कि 61 हजार से ज्यादा आवेदन नियमों के खिलाफ थे। हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने खुद पुष्टि कि की ‘लाडकी बहीण योजना’ के तहत 26 लाख 34 हजार लाभार्थियों को विभिन्न कारणों से अपात्र घोषित किया गया है।
सरकार ने लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) का लाभ उन्हीं महिलाओं को देने का नियम तय किया था, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो, जो 18 से 65 वर्ष की आयु की हों, जिनके पास आधार और पैन कार्ड लिंक्ड बैंक अकाउंट हो, लेकिन इन शर्तों की जांच में भारी ढिलाई बरतने का आरोप है।
परिणामस्वरूप, दो हजार से अधिक सरकारी महिला कर्मचारी, संजय गांधी निराधार योजना की लाभार्थी महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं और यहां तक कि हजारों पुरुषों ने भी इस योजना का लाभ उठाया। इतना ही नहीं, एक ही परिवार के कई लोगों को लाभ दिया गया, जबकि नियम के अनुसार एक परिवार में केवल एक महिला को ही योजना का लाभ मिलना चाहिए था।
इस फर्जीवाड़े से बीजेपी नीत महायुति सरकार पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्ष दलों का कहना है कि यह जनता के पैसे की बर्बादी है और प्रशासन की लापरवाही से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है।
SIT से जांच की मांग
एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने मंगलवार को सरकार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) में पहले ही चरण में 4800 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। राज्य सरकार को विशेष जांच दल (SIT) गठित करना चाहिए और इस योजना में हुए कथित घोटाले की जांच करवानी चाहिए। हाल ही में राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना का धोखाधड़ी से हिस्सा बनने वाले पुरुषों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें दी गई राशि वसूल की जाएगी।