मुरैना. नगर निगम द्वारा शहर के जिन 22 वार्डों में सीवर लाइन डाली जानी हैं, वहां सडक़ों के निर्माण के नाम पर शासकीय धन की बर्बादी की जा रही है। क्योंकि जिन क्षेत्रों में सीवर लाइन के लिए सडक़ों की खुदाई होनी हैं फिर भी वहां निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए की बर्बादी की जा रही है।
नगर निगम सीमा क्षेत्र में पहले चरण में सीवर प्रोजेक्ट से छूट गए 22 वार्डों में 192 करोड़ की राशि से 200 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जानी हैं। इसकी प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में हैं, कभी भी काम शुरू हो सकता है, उसके बाद भी सडक़ों का निर्माण करके राशि की बर्बादी की जा रही है। लाइन के अलावा 2 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनेंगे, ताकि घरों से निकलने वाला पानी सीधे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच सके। दूसरे चरण में उन 12 पंचायतों को भी सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा, जो नगर निगम सीमा में वार्ड के रूप में शामिल की गई है। निगम के 47 में से 25 वार्डों में पहले चरण में 140 करोड़ की लागत से शहर में 153 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है जिसमें 9 हजार घरों में सीवर कनेक्शन का लक्ष्य रखा था। पहले चरण का काम लगभग पूरा होने को है।
शहर के इन क्षेत्रों में बिछेगी सीवर लाइन
शहर के फाटक बाहर स्थित रामनगर, सुभाष नगर मुडियाखेरा, अंबाह बायपास स्टेशन के पीछे, उत्तमपुरा, छौंका से लेकर हाईवे किनारे स्थित बस्तियों को भी सीवर लाइन पीजेक्ट में जोड़ा जाएगा। वहीं दूसरे चरण में जो सीवर लाइन बिछाई जाएगी, उसमें घरों से निकलने वाले सीवेज के अलावा रसोई घर व बाथरूम के कनेक्शन भी सीवर लाइन में ही किए जाएंगे। इसके एवज में लोगों को 3 हजार रुपए प्रति घर के हिसाब से कनेक्शन देना होगा।
तीन लाख की आबादी के लिए बनेंगे 2 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
शहर के 25 वार्डों से निकलने वाले सीवेज को अभी सुंदरपुर में स्थित 25 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। लेकिन जब सभी 47 वार्डों में सीवर लाइन जुड़ जाएगी तो दो और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे ताकि शहर के अलग-अलग हिस्सों से बहकर आने वाले सीवेज को ट्रीट कर अलग-अलग दिशाओं में खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके।
केस- 01
नगर निगम के वार्ड क्रमांक 8 गड़ौरा पुरा में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के सामने 02 माह पूर्व सडक़ का निर्माण किया गया है। करीब 40 लाख रुपए से अधिक की लागत से सीमेंट कंकरीट की रोड का निर्माण किया गया है। यहां सेकंड चरण में सीवर लाइन डाली जानी हैं, इस दौरान सडक़ की खुदाई की जाएगी, उसके बाद यहां राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसी वार्ड से सटे वार्ड नौ में भी कमलेश पलिया के मकान वाली गली में भी सडक़ का निर्माण किया जा चुका है। यहां तो पहले से ही सडक़ बनी हुई थी।
केस- 02
नगर निगम के वार्ड क्रमांक 47 में जौरा रोड से काशी बाबा कॉलोनी के लिए जाने वाले मार्ग पर करीब दो माह पूर्व लाखों रुपए की लागत से सडक़ का निर्माण कराया जा चुका है। यहां भी द्वितीय चरण की सीवर लाइन डाली जानी हैं। फिर भी सडक़ का निर्माण कराया गया। इस वार्ड के प्रेम नगर में भी सडक़ डाली गई हैं। और अन्य सडक़ों के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं, जब सीवर लाइन में सडक़ों की खुदाई होनी तो फिर निगम शासकीय धन का क्यों व्यर्थ नष्ट कर रहा है।
जिन वार्डों में द्वितीय चरण की सीवर लाइन डाली जानी हैं, वहां सडक़ सिर्फ उन क्षेत्रों में बनाई जा रही हैं, जहां जल भराव या फिर निकलने को रास्ता नहीं हैं, अन्य क्षेत्रों में नहीं बनाई जा रही।
शारदा सोलंकी, महापौर, नगर निगम
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