मुरैना में चार गांव के 1000 लोग दलदल से निकलने को मजबूर, नहीं बनी सडक़
शहर से सटी ग्राम पंचायत रामपुर के गेंदालाल का पुरा, शोभाराम का पुरा, गौसपुरा, तोर वालों का पुरा की बस्ती के लिए नहीं हैं पक्का रास्ता, पूर्व में कई बार की जा चुकी है शिकायत फिर भी नहीं की सुनवाई
मुरैना. शासन, प्रशासन भले ही विकास की ढिडोरा पीटता हो लेकिन जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर स्थित रामपुर ग्राम पंचायत के चार गांवों के लिए दलदलयुक्त कच्चा रास्ता विकास की पोल खोलता नजर आ रहा है। देश को आजाद हुए 77 साल हो गए लेकिन रामपुर पंचायत के शोभाराम का पुरा, गेंदालाल का पुरा, गोसपुरा, तोर वालों का पुरा के लोग आज भी आजादी से पूर्व के हालातों में जी रहे हैं।
रामपुर पंचायत के चार गांवों का कच्चा रास्ता बारिश के चलते पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गया हैं। ग्रामीणों को मजबूरन दलदल से होकर निकलना पड़ रहा है। यहां तक बारिश होने पर बच्चे स्कूल नहीं जाते। इन गांवों में ज्यादातर लोग सब्जी कारोबार से जुड़े हैं, सब्जी विक्रेताओं को मजबूरन दलदल से होकर गुजरना पड़ रहा है। अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती, और मजबूरन बीमार लोगों को डेढ़ किमी दूर सडक़ तक चारपाई (खटिया) पर रखकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब भी कोई बीमार होता है तो अपने साधन से अस्पताल ले जाना पड़ता है क्योंकि वाहन गांव तक पहुंच नहीं पाते हैं।
बारिश के समय बंद हो जाता है गांवों का रास्ता
रामपुर पंचायत के गेंदालाल का पुरा, शोभाराम का पुरा, तोर पुरा, गौसपुरा वालों के पुरा में करीब एक हजार की आबादी है। इन बस्तियों के लोग ज्यादातर सब्जी उगाकर मंडी में बेचने का काम करते हैं, उससे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। लेकिन बारिश के समय गांव से कोई साधन नहीं निकल पाता। बड़ी मुश्किल से साइकिल पर सब्जी रखकर निकलते हैं, वह भी एक साइकिल पर दो तीन लोग साथ चलते हैं तब।
दलदल में फंस रहे ग्रामीणों के वाहन
कच्चा रास्ता होने से बारिश में वाहन फंस रहे हैं। रविवार की सुबह गेंदालाल का पुरा व शोभाराम का पुरा के बीच दलदल में ट्रैक्टर फंस गया। उसको दूसरे ट्रैक्टर से टूचन करके बड़ी मशक्कत से निकाला गया। वहीं दलदल के चलते मोटरसाइकिल व साइकिल को गांवों से बाहर रखना पड़ता है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
पिछले दो दशक से यही देखते आ रहे हैं जब भी बारिश होती है तब गांव का रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। मजबूरन दलदल से होकर गुजरना पड़ता है।
हरी सिंह, ग्रामीण
बारिश के समय गांव के रास्ते पर कीचड़ हो जाती है। करीब डेढ़ किमी कीचड़ का रास्ता है। जब भी कोई गांव मेंं बीमार होता है तो खटिया पर रखकर मुख्य सडक़ तक ले जाना पड़ता है।
दाखश्री, ग्रामीण
गेंदालाल का पुरा, शोभाराम का पुरा, गोसपुरा व तोर वालो के पुरा की डेढ़ किमी का रास्ता पूरी तरह कच्चा है, शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
बृजेन्द्र कुशवाह, ग्रामीण
पंचायतों में मुरम डालने पर रोक लगी है लेकिन रामपुर पंचायत के गांवों के रास्ते की जो स्थित बताई गई, उसको देखते हुए कुछ मुरम डालने की अनुमति दे दी जाएगी, जिससे ग्रामीणों को परेशानी नहीं होगी।
अजय वर्मा, सीईओ, जनपद पंचायत, मुरैना
Hindi News / Morena / मुरैना में चार गांव के 1000 लोग दलदल से निकलने को मजबूर, नहीं बनी सडक़