गांव में वर्ष 2008 से 2025 तक 5600 जॉब कार्ड बनाए और इन पर फर्जी तरीके से मजदूरी दिखाकर करोड़ों रुपए निकाल लिए और अब इन लोगों को गांव से पलायन दिखाकर कार्ड डिलीट कर दिए। यह तब है जब ज्यादातर काम जेसीबी व ट्रैक्टर से किए गए हैं। वर्तमान में पंचायत में डिलीट करने के बाद 1630 जॉब कार्ड एक्टिव हैं, जिनमें से 540 पर काम करना दिखाया जा रहा है। सवाल यह है कि जब गांव में लगातार मनरेगा के तहत निर्माण कार्य हो रहे हैं, फिर लोग पलायन क्यों कर रहे हैं।
जनसुनवाई में शिकायत
विजयगढ़ में मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत कलेक्टर जनसुनवाई में ग्रामीण कर चुके हैं। ग्रामीणों ने कहा है कि गांव में फर्जी तरीके से जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जबकि काम मशीनरी से हुए हैं। उक्त शिकायत पर से भी जिला पंचायत द्वारा जांच कराई जा रही है।
जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल
शिकायत है कि विजयगढ़ में जनसंख्या से डेढ़ गुना जॉब कार्ड बनाए गए हैं, उनमें ज्यादातर जॉब कार्डधारी गांव के बाहर यानि कि दूसरे गांव के हैं। इस फर्जीवाड़े में पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में संबंधित शाखा के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
डिलीट किए गए तीन जॉब कार्ड पर निकाली राशि की स्थिति
1-●राजीव शर्मा के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से 4 लाख 68 हजार 564 रुपए निकाले जा चुके हैं। 2-●अनिल शर्मा के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से 4 लाख 91 हजार 774 रुपए निकाले जा चुके हैं। 3-●सौरभ शर्मा के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से 3 लाख 13 हजार 967 रुपए निकाले।
पंचायत में चल रहा है फर्जीवाड़ा
यह बात सही है कि पंचायत में फर्जी जॉब कार्ड चल रहे थे। पूर्व सरपंच द्वारा बनवाए गए थे, मैंने स्वयं लिखकर दिया था कि पूर्व में बनाए गए जॉब कार्ड जो अन्य गांव के लोगों के हैं, उनको डिलीट किया जाए। उसके बाद डिलीट किए हैं। रविकांत सखवार, सरपंच, ग्राम पंचायत, विजयगढ़
फर्जीवाड़े का मामला संज्ञान में आ चुका है
फर्जीवाड़े का मामला हमारे संज्ञान में आ चुका है। सचिव को सस्पेंड कर दिया है और चार अधिकारियों की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं।