सूचना प्राप्त होते ही अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे। वनरक्षक द्वारा पंचनामा तैयार किया गया। संबंधित व्यक्तियों के बयान लिए गए। साक्ष्यों को नष्ट होने से बचाने के लिए घटना स्थल को घेर लिया गया। अन्य साक्ष्य जुटाने के लिए तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान कांच की बोतल और तार को बांधने के लिए उपयोग की गई खूटी भी मिली। वन विभाग के
कर्मचारियों ने उस तार का रास्ता पता लगाया। जो करंट प्रभावित लाइन से लेकर घटना स्थल तक बिछाया गया था। तलाशी के दौरान वन कर्मचारियों को एक स्थान ऐसा भी मिला, जहां हाल ही में किसी व्यक्ति द्वारा खाना पकाया गया था। यह स्थान घटना स्थल से लगभग 700 मीटर की दूरी पर है। जहां पर तार बिछाया गया था। जांच के दौरान वह व्यक्ति, जिसने हाल ही में खाना पकाया था। स्वयं मौके पर आ गया। जांच टीम को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं। इस कारण उससे पूछताछ की गई।
जांच में पुलिस टीम की ली गई सहायता
वन्यजीवों के शिकार मामले की जांच करने के लिए पुलिस की भी सहायता ली गई। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। दोनों वन्यप्राणियों की मृत्यु का कारण विद्युत करंट लगना पता चला। डॉग स्क्वाड ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की और जांच प्रक्रिया अभी जारी है। इसी दौरान सूचना प्राप्त होने पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) रायपुर भी घटना स्थल पर पहुंचे। पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सकों की एक टीम को बुलाया गया। इसमें तीन पशु चिकित्सक शामिल थे। शव परीक्षण के दौरान पशु चिकित्सक ने मृत वन्यप्राणियों के प्रमुख अंगों का नमूने लिए। सभी नमूनों को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया गया। शव परीक्षण उपरांत मृत नर गौर एवं नर तेन्दुआ का शव दाह संस्कार किया गया। वन अपराध में संलिप्त अपराधियों में मुकेश रावत पिता चोवाराम रावत (33) और दूसरे आरोपी मनोहर यादव पिता फगुआ यादव (50) निवासी ओंकार बंद थाना खल्लारी को गिरफ्तार कर वन अधिनियम के तहत आगे की कार्यवाही की जा रही है। इनसे शिकार में प्रयुक्त की गई सामग्री जब्त की गई है।