सरकार के इस फैसले को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण व क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है और यह नियम आज से लागू हो गया है।
पहले थी केवल 10 हजार की छूट, अब एक लाख तक की राहत
बीते दिनों लखनऊ स्थित लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। पहले महिलाओं को यह छूट सिर्फ 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर मिलती थी, जिसमें अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट लागू थी। लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर सीधे 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस नए निर्णय के तहत महिलाएं अब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संपत्ति खरीद पर यह छूट प्राप्त कर सकेंगी।
‘मिशन शक्ति’ को मिलेगी नई उड़ान
प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि इस फैसले से मध्यमवर्गीय महिलाओं को आर्थिक संबल मिलेगा। वे अपनी मेहनत से कमाई गई पूंजी को अपने नाम पर संपत्ति में निवेश करने को अधिक प्रेरित होंगी। राजभर ने कहा – “यह निर्णय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। उनकी भागीदारी संपत्ति में बढ़ेगी और उनका आत्मविश्वास भी। यह ‘मिशन शक्ति’ अभियान को और मज़बूत करेगा।”
केंद्र सरकार की बजट नीति से तालमेल
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला केंद्र सरकार के 2024 के बजट प्रावधानों के अनुरूप है, जिसमें महिलाओं को संपत्ति पंजीकरण में प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से स्टांप शुल्क में कमी की बात कही गई थी। स्टांप और पंजीयन विभाग के राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा – “यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी निर्णय है। इससे महिलाओं की सामाजिक भागीदारी और आर्थिक स्वतंत्रता दोनों में इज़ाफा होगा।”
क्या है इस छूट का वास्तविक लाभ?
अब तक महिलाएं 10 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर 1% की छूट यानी 10,000 रुपये की राहत ले सकती थीं। नए नियम के अनुसार 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर अब महिलाओं को अधिकतम 1,00,000 रुपये तक की राहत मिलेगी।