यह मानहानि की श्रेणी में आता है, खासकर इसलिए क्योंकि एक बेहद लोकप्रिय नेता के लिए अपमानजनक तरीके से टिप्पणी की गई थी। इसलिए, मैंने उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए 15 दिन का समय दिया है। ऐसा न करने पर, हम तीनों व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक और सिविल दोनों तरह का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। अधिवक्ता ने ये बातें सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कही।
सपा मीडिया सेल ने डीएनए पर खड़े किए थे सवाल
शनिवार को सपा के सोशल मीडिया सेल ने ब्रजेश पाठक के डीएनए पर सवाल खड़े किए थे। उन पर व्यक्तिगत और आपत्तिजनक बातें कही गई थीं। सपा ने ‘एक्स’ पर लिखा था, “ब्रजेश पाठक का डीएनए सोनागाछी और जीबी रोड का है।” सपा की इस पोस्ट पर ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए अखिलेश और डिंपल यादव से सवाल पूछा – “क्या वे इस स्त्री-विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगे? क्या यही उनकी पार्टी की भाषा है?”
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “हमने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गई आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाजी निंरतर करते आए हैं उस पर भी विराम लगेगा। आप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं।