पहले बैकग्राउंड समझिये
लखनऊ के चिनहट ब्लॉक के सेमरा गांव में 40 वर्षीय उषा सिंह अपनी 15 साल की बेटी के साथ रहती हैं। वो अकेले 1000 स्क्वायर फीट के मकान में रहती हैं। उनके पति योगेंद्र सिंह की 12 साल पहले मौत हो गई थी। उषा ऑडिट भवन में काम करती थी। उनकी 15 साल की बेटी को उनके घर से महज 500 मीटर की दुरी पर आदर्श नगर मोहल्ले के एक लड़के शाहिद से प्यार हो गया था। लड़के की उम्र 17 साल थी और वो गैर धर्म का था तो उषा देवी ने अपनी बेटी को कई बार साझाया लेकिन वो नहीं मानी। उनकी बेटी उस लड़के से शादी करना चाहती थी।
साल 2024 में वो लड़का उषा देवी की लड़की को भगा ले गया था। उस वक्त उन्होंने लड़के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। तभी से उषा देवी की उनकी बेटी के साथ अनबन होते रहती थी। उषा के भाई के अनुसार वो दोनों उषा को जान से मारने की धमकी भी देते थे।
बेटी ने कर दी मां की हत्या
बेटी ने शनिवार की रात यानी 17 मई 2025 को अचानक चिल्लाने लगी। पड़ोसयों और रिश्तेदारों को फोन किया और कहने लगी कि मां उठ ही नहीं रही है। मौके पर जब पडोसी और रिश्तेदार पहुंचे तो उन्होंने जो देखा वो भयावह था। उषा की अर्धनग्न अवस्था में लाश बिस्तर पर पड़ी हुई है और गले से खून बहता ही जा रहा है। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल प्रभाव से पुलिस को सूचित किया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मर्डर साइट पर पहुंच गई। प्रथम दृष्टया ही पुलिस को मामला समझ मे आ गया। किशोरी पुलिस को घंटों तक गुमराह करती रही। उसने कहा कि वो छत पर थी तभी उसने देखा कि मां के साथ कोई जबरदस्ती कर रहा है और बाद में मां बिस्तर पर पड़ी मिली।
जब पुलिस ने लड़की के प्रेमी को मौके पर ही बुलाया और दोनों का सामना हुआ और पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए। उन्होंने बताया कि पहले उषा का गला कपडे से कसा जब लगा कि वो मर गई है तो चाकू से गगला काट दिया। लड़की ने कहा कि बचने के लिए मां के कपडे उतार दिए ताकि मामला रेप और मर्डर का लगे। उसके बाद शाहिद को भगा दिया।