5 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति खुद को NSG कमांडो बताकर बस में मुफ्त यात्रा करना चाह रहा है। आरोपी के हावभाव से लोगों को समझ में आया कि यह NSG का कमांडो तो नहीं है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की। तभी गेटवे मॉल के पास एक ब्लेजर पहने, हाथ में वायरलेस सेट लिए संदिग्ध युवक दिखा था। पुलिस टीम ने युवक को रोककर परिचय पूछा तो एनएसजी की वर्दी पहने हुए व्यक्ति खुद को वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज का सुरक्षाकर्मी होना बताया। बताया कि उन्हें वाई श्रेणी सुरक्षा में एनएसजी मिली हुई है जिसमें तैनात हूं। इस बात को बताकर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने कड़ाई करते हुए रोका।
NSG से जुड़े दस्तावेज नहीं दिखा पाया आरोपी
पुलिस ने जब संदिग्ध युवक से बातचीत शुरू की तो उसने अपना नाम रंजन कुमार बताया और कहा कि वह कुशीनगर का रहने वाला है। इसके बाद उसने बताया कि वह 2021 बैच का यूपी पुलिस का सिपाही है। इसके बाद उसने विशेष प्रशिक्षण लिया और NSG में तैनात हुआ। इसके बाद उसने बताया कि एनएसजी की वर्दी पहनकर पूरे उत्तर प्रदेश में कही भी बिना टिकट के बस और ट्रेन से घूमता हूं और लोगों में अपना धौंस जमाकर किसी भी माल में जाकर बिना टिकट के ही मूवी देखता हूं। ढाबे पर धौंस जमाकर खाना खाकर बिना पैसा दिए चला जाता हूं। उसके पास तलाशी के दौरान एक मेड इन इटली ऑटोमैटिक पिस्टल मिली, जिसकी कीमत करीब दो लाख रुपए है। आरोपी के कब्जे से प्रतिबंधित बोर का कारतूस भी बरामद हुआ है। विकास राय नाम के शख्स ने आरोपी को पिस्टल वगैरह दी थी। उसकी तलाश की जा रही है।
चौंकाने वाली बरामदगी
आरोपी के पास से भारी मात्रा में फर्जी और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है। इसमें मेड इन इटली ऑटोमेटिक पिस्टल, 9 एमएम का एक जिंदा कारतूस, वायरलेस हैंडसेट, यूपी पुलिस का कूटरचित परिचय पत्र, फर्जी प्रशंसा व प्रशस्ति मेडल, वर्दी में खींची गईं 10 फोटो, फर्जी खुफिया एजेंसी और सुरक्षा विभाग के आदेश, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, वाकी-टॉकी वायर और मोबाइल फोन बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपी के ऊपर केस दर्ज कर लिया है।