मायावती ने यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी एक पोस्ट के माध्यम से दिया। उन्होंने राहुल गांधी की उस स्वीकारोक्ति पर पलटवार किया, जिसमें राहुल ने माना था कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस से ओबीसी की जातिगत जनगणना नहीं करवाना एक “गंभीर गलती” थी। राहुल गांधी ने कहा था कि अब वह उस गलती को सुधारने के लिए “दोगुनी रफ्तार” से काम करेंगे।
कांग्रेस का रवैया हमेशा से जातिवादी: मायावती
मायावती ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह बयान केवल दिखावटी पछतावे का हिस्सा है, जबकि असलियत यह है कि कांग्रेस पार्टी ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के साथ लगातार छल करती रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के दिल में कुछ और होता है, और जुबान पर कुछ और। सत्ता में रहते हुए इस पार्टी ने इन वर्गों की उपेक्षा की है और अब जब सत्ता से बाहर हो चुकी है, तो दिखावे के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने न तो एससी/एसटी को समय पर संविधान प्रदत्त आरक्षण का लाभ दिलवाया, और न ही ओबीसी वर्ग को उनका हक दिया। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न देने में भी कांग्रेस ने वर्षों लगा दिए।
एनडीए भी नहीं है भरोसे के लायक
मायावती ने बीजेपी और एनडीए गठबंधन पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जैसे कांग्रेस ने बहुजन वर्गों के साथ छल किया, वैसे ही बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियां भी अब उन्हीं रास्तों पर चल रही हैं। “एनडीए भी ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के प्रति दोहरे रवैये को अपनाए हुए है। यह वर्ग अब इनके झूठे वादों और भ्रामक बयानों में नहीं आने वाला।”
बसपा ही है बहुजन समाज की असली हितैषी
मायावती ने दावा किया कि देश में यदि कोई पार्टी वंचित, शोषित, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए वास्तव में काम कर रही है, तो वह सिर्फ बहुजन समाज पार्टी है। उन्होंने कहा कि यूपी में जब-जब बसपा की सरकार बनी, तब-तब इन वर्गों के हितों की रक्षा हुई और गरीबों-मजलूमों को सम्मान मिला। उन्होंने जनता से अपील की कि वह कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या बीजेपी जैसी पार्टियों के बहकावे में न आएं। “देश के बहुजन समाज का भला केवल बीएसपी की ‘आयरन गारंटी’ में ही सुरक्षित है। दलितों, आदिवासियों और ओबीसी वर्गों को बसपा का साथ देकर ही अपने स्वाभिमान और अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।”