Mosquito Coil Facts: मच्छर मारने की कॉइल को कमरे में जलाकर सोना चाहिए या नहीं?
Mosquito Coil Facts: मच्छर भगाने वाली कॉइल का धुआं हवा को प्रदूषित करता है और बंद कमरे में इसका इस्तेमाल फेफड़ों, आंखों व त्वचा पर गंभीर असर डाल सकता है।यह सस्ती राहत सेहत पर महंगा पड़ सकता है, खासकर जब रातभर इसका धुआं सांसों में जाता है।आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
Mosquito Coil Facts: बारिश का मौसम आते ही मच्छरों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। हर घर में शाम होते ही मच्छरों का आतंक शुरू हो जाता है और लोग राहत पाने के लिए मच्छर भगाने वाली कॉइल, लिक्विड या स्प्रे का सहारा लेने लगते हैं। इनमें सबसे सस्ता और आम विकल्प है मच्छर मारने वाली कॉइल, जिसे रातभर कमरे में जलाकर सोने की आदत बहुत से लोगों को होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये कॉइल आपकी नींद तो बचा रही है, लेकिन आपकी सेहत पर क्या असर डाल रही है?बहुत से लोग इस भ्रम में रहते हैं कि मच्छर कॉइल केवल मच्छर मारती है और बाकी किसी चीज को नुकसान नहीं पहुंचाती।
लेकिन सच्चाई यह है कि कॉइल से निकलने वाला धुआं न केवल हवा को प्रदूषित करता है, बल्कि फेफड़ों, त्वचा और आंखों पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। खासकर जब बंद कमरे में कॉइल को जलाकर नींद ली जाती है, तो इसका असर और भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।
मच्छर कॉइल में मौजूद केमिकल्स
मच्छर मारने वाली कॉइल में पायरिथ्रोइड (Pyrethroid) जैसे कीटनाशक तत्व होते हैं, जो मच्छरों के तंत्रिका तंत्र पर असर डालते हैं। इसके अलावा इनमें बाइंडर्स, फीलर्स और परफ्यूम भी मिलाए जाते हैं ताकि जलने पर धुआं मच्छरों को मार सके और इंसान को सुगंधित महसूस हो। लेकिन यही धुआं कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ बन सकता है।
क्या कहती है रिसर्च?
कई अध्ययनों के अनुसार, एक मच्छर कॉइल को पूरी रात जलाने से जो धुआं निकलता है, वह 75 से 100 सिगरेट सिगरेट के धुएं के बराबर हानिकारक हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट्स बताती हैं कि कॉइल से निकलने वाले कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। यह खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या एलर्जी के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है।
किन लोगों को अधिक खतरा
-दमा (Asthma) और एलर्जी के मरीजों को कॉइल का धुआं सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है। -बच्चे और बुजुर्ग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, उन्हें धुएं से अधिक नुकसान हो सकता है। -गर्भवती महिलाएं भी कॉइल के धुएं से बचें, क्योंकि इसमें मौजूद रसायन भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। -मॉस्किटो कॉइल का धुआं आंखों में जलन और त्वचा पर एलर्जी या चकत्ते जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। -इस धुएं में मौजूद रसायन फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत और श्वसन रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
बंद कमरे में क्यों बढ़ जाता है खतरा
जब कमरे की खिड़कियां और दरवाजें बंद होते हैं और भीतर मच्छर कॉइल जलाई जाती है, तो धुएं को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिलता। यह धुआं कमरे की हवा को दूषित करता है और व्यक्ति को रातभर उसी जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ती है। इससे सिरदर्द, जलन, नींद में खलल, आंखों में चुभन और सुबह उठने पर भारीपन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
सावधानी के उपाय
मॉस्किटो कॉइल के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ सरल और सुरक्षित उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाना चाहिए, ताकि मच्छर अंदर प्रवेश न कर सकें। इसके अलावा, बच्चों और बड़ों को ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो पूरे शरीर को ढंक सकें, जैसे कि फुल स्लीव्स वाले कपड़े। रात के समय मच्छरदानी का उपयोग करना एक पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव के मच्छरों से बचाव करता है।