शहर की महती परियोजना तीन पुलिया ओवर ब्रिज निर्माण की अवधि सुरसा के मुख की तरह बढ़ती चली जा रही है। शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए शुरू हुआ ओवर ब्रिज का निर्माण 6 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। डेड लाइन पर डेड लाइन निर्माण कार्य पूरा करने के लिए दी जा रही है। रेलवे स्पॉन के लिए हुए टेंडर में अक्टूबर 2025 तक हर हाल में कार्य पूरा होना है, लेकिन अब तक रेलवे की ओर से ड्राइंग डिजाइन को ही मंजूरी नहीं मिल पाई है। अब मंगलवार को मुंबई में सेंट्रल रेलवे बोर्ड के सामने इंजीनियर्स के प्रेजेंटेशन पर पूरा मामला टिक गया है।
तीन पुलिया ओवर ब्रिज पर साउथ सेंट्रल रेलवे लाइन पर 44.5 मीटर का स्पॉन और सेंट्रल रेलवे लाइन पर 37 और 26 मीटर के दो स्पॉन बनाए जाने है। इसके लिए ठेकेदार के आर्किटेक्ट ने ड्राइंग डिजाइन तैयार किए मेनिट भोपाल ने एप्रुवल किया, लेकिन रेलवे सेंट्रल बोर्ड ने इसमें क्वॉरी निकाल दी। पीडब्ल्यूडी सेतू निगम भोपाल ने रेलवे द्वारा दी गई क्वॉरीस को पूरा कर दोबारा ड्राइंग डिजाइन को सेंट्रल रेलवे बोर्ड मुंबई भेजा है। साथ ही डिजाइन की साफ्ट कॉपी के साथ ही पूरी मेथोडोलॉजी (कार्यप्रणाली) की जानकारी एक्सल शीट में भेजी गई है। ड्राइंग डिजाइन तैयार करने वाले ठेकेदार के आर्किटेक्ट, इंजीनियर मंगलवार को सेंट्रल रेलवे बोर्ड मुंबई के सामने अपना प्रेजेंटेशन देंगे। यदि बोर्ड इससे संतुष्ट होता है तो बात आगे बढ़ेगी, नहीं तो आर्किटेक्ट, इंजीनियर को दोबारा कवायद करना पड़ेगी।
इस तरह मिलती रही डेड लाइन
तीन पुलिया रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मई 2017 में हुई। निर्माण कार्य का आदेश सितंबर 18 में हुआ। अनुबंध के अनुसार समय सीमा 24 माह यानि सितंबर 2020 तक थी, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। लॉक डाउन के बाद फिर सितंबर 2022 में इसकी डेड लाइन दो साल बढ़ाई गई, जिसमें भी काम पूरा नहीं हो पाया। अब रेलवे स्पॉन के लिए मार्च 2025 में आठ माह की अवधि बढ़ाई गई। अक्टूबर 2025 तक इसका काम पूरा किया जाना है।
अनुमति मिलने पर आगे क्या…
सेंट्रल रेलवे बोर्ड द्वारा रेलवे स्पॉन के ड्राइंग डिजाइन को अप्रुवल दिया जाता है तो ठेकेदार कंपनी द्वारा स्वीकृत डिजाइन के आयरन स्ट्रक्चर फैक्ट्री में तैयार करवाएं जाएंगे। वहां से असेंबल होकर स्पॉन को खंडवा लाया जाएगा। इससे पहले इन स्पॉन के लिए रेलवे लाइन साइट पर बेस खड़ा किया जाएगा। बेस बनाने में ठेकेदार कंपनी को तीन माह का समय लगेगा। बेस तैयार होने के बाद स्पॉन को इस पर असेंबल किया जाएगा। इसमें आठ दिन का समय लगेगा। इस सबके लिए सेंट्रल रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे से मिलने वाले ब्लॉक की प्रमुख भूमिका रहेगी।
मंजूरी मिलते ही होगा काम शुरू
सबसे ज्यादा समय ड्राइंग डिजाइन के अप्रुवल में लगता है। मानव सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सारे मानको के आधार पर अनुमति मिलती है। जैसे ही ड्राइंग डिजाइन अप्रुवल होता है, एक सप्ताह में बेस बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
विकास कनेश, एसडीओ पीडब्ल्यूडी सेतू निगम