ज्ञापन में बताया कि उक्त व्यक्ति व उसके परिवार के सदस्य कई वर्षों से झुंझुनूं में एक संगठित सूदखोरी का नेटवर्क चला रहे हैं। आरोप है कि ये लोग आर्थिक तंगी में फंसे जरूरतमंदों को पहले कम ब्याज का लालच देकर कर्ज देते हैं, लेकिन बाद में ब्याज दर बेतहाशा बढ़ा देते हैं, जिससे मूल राशि से कई गुना अधिक वसूली की जाती है। जब कोई पीड़ित विरोध करता है, तो उन्हें खाली चेक बैंक में लगाकर पुलिस और कोर्ट में फंसा देने की धमकी दी जाती है, जिससे वे दबाव में आकर और अधिक पैसा चुकाने को मजबूर हो जाते हैं।
प्रताड़ित किया: अल्पना योगी
प्रदर्शन में शामिल पीड़िता अल्पना योगी ने बताया कि उसके पति प्रियंक योगी ने 2 प्रति रुपए सैकड़ा की दर से पांच लाख रुपए उधार लिए थे। परिवार ने नियमित रूप से ब्याज और किस्तें चुकाईं, लेकिन कोविड काल में कुछ महीनों की देरी होने पर सूदखोर और उसके परिवार ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अल्पना के अनुसार, अब तक वे 30 से 40 लाख रुपए वसूल चुके हैं।
जमीन तक बिक चुकी: शिल्पा
एक अन्य पीड़ित महिला शिल्पा ने बताया कि उसके पति ने चार लाख रुपए उधार लिए थे, जिसके बदले में अब तक वे 60 लाख रुपए चुका चुके हैं। सूदखोरों की प्रताड़ना से उनकी तीन नंबर रोड पर स्थित पुश्तैनी जमीन तक बिक गई है। शिल्पा ने कहा, पति मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं। ज्ञापन देने वालों में महिपाल पूनिया, योगेश कटारिया, अशोक कुमावत, प्रियांक योगी, भवानी गहलोत, जयप्रकाश सोनी, रोहिताश कुमावत, रोहित रानासरिया, छगन लाल सैनी, नवीन सैनी, अमित सैनी, अभय शर्मा, सुधीर कुमावत, प्रदीप खींचड़, सुरेश महला, छाजू कुमावत, देवीलाल सैन, नरेश भार्गव, लीलाधर कुमावत सहित कई लोग मौजूद रहे।