जानकारी के मुताबिक, 26 साल के आरोपी युवक ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। 26 जुलाई को यवत गांव के एक मंदिर के परिसर में लगे छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को अपमानजन स्थिती में पाया गया था। इस घटना से ग्रामीणों में रोष था और कहा जा रहा है कि इसी को लेकर आरोपी ने भड़काऊ पोस्ट किया था, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
एसपी संदीप सिंह गिल ने बताया कि एक युवक ने व्हाट्सएप और फेसबुक पर आपत्तिजनक स्टेटस रखा था। इसकी शिकायत मिलते ही युवक को हिरासत में लेकर पुलिस स्टेशन लाया गया। लेकिन तब तक यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एक हफ्ते पहले हुई घटना की वजह से गांव में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल था और इस स्टेटस के बाद ग्रामीण सड़क पर उतर आये, इस दौरान कुछ युवकों ने कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में पाया। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- CM फडणवीस
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ तौर पर कहा है कि यह हिंसा एक पूर्व नियोजित और भड़काऊ साजिश का नतीजा है। फडणवीस अभी पुणे दौरे पर है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने यवत में हुई घटना की पूरी जानकारी ली है। सीएम फडणवीस ने कहा, “एक बाहरी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक स्टेटस रखा कि ‘पुजारी ने बलात्कार किया है’, जिससे लोग भड़क गए और सड़कों पर उतर आए। स्थिति अब नियंत्रण में है और दोनों समुदायों के लोग बैठकर चर्चा कर चुके हैं। लेकिन यह साफ है कि तनाव जानबूझकर फैलाया गया और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं में अक्सर बाहरी वीडियो और भड़काऊ सामग्री का सहारा लिया जाता है। यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि वायरल वीडियो कहा का हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “किसी भी तरह की अवैध और उकसाने वाली गतिविधि करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।”