PMLA के तहत जांच जारी
यह छापे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चल रही जांच का हिस्सा हैं। ईडी ने बुधवार सुबह दिल्ली के अलावा नोएडा और गुरुग्राम में छापे मारे।
झूठ बोल कर जाल में फंसाया
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि भारतीय और विदेशी नागरिकों से ठगों ने पुलिस या जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की। इन लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देकर उनसे बड़ी धनराशि वसूली गई। इसके अलावा, आरोपी खुद को माइक्रोसॉफ्ट या अमेजन की तकनीकी सहायता टीम का सदस्य बताकर भी लोगों को झांसे में लेते थे और उनसे ठगी करते थे।
क्रिप्टोकरेंसी में बदली धनराशि
पीड़ितों की धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया और फिर आरोपियों के पास ट्रांसफर किया गया। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने इस प्रकार से करीब 260 करोड़ रुपए की रकम बिटकॉइन के रूप में अलग-अलग क्रिप्टो वॉलेट्स में जमा की थी। इन बिटकॉइन्स को बाद में यूएसडीटी (क्रिप्टो टोकन) में बदलकर नकदी में तब्दील किया गया। यह पूरा लेनदेन यूएई स्थित हवाला ऑपरेटरों और अन्य माध्यमों से किया गया। फिलहाल, ईडी की ओर से मामले की जांच जारी है और इन आर्थिक अपराधों में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।