प्रार्थना ही नहीं कर पाए
घटना के बाद गांव में किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। दिनभर लोग शौक में डूबे रहे। एक ही गांव में सात मासूम बच्चों की मौत के बाद सन्नाटा पसर गया। हर कोई स्तब्ध था, कि बच्चे स्कूल गए थे, प्रार्थना के लिए खड़े होने वाले थे, कि भगवान ने उनकी प्रार्थना भी नहीं सुनी। प्रत्यक्षदर्शीनरेन्द्रमालव ने बताया कि ये पूरी घटना 7.40 की है। प्रार्थना शुरू होने वाली थी, बारिश होने की वजह से इसी हाल में प्रार्थना होने वाली थी, कि छत अचानक से गिर गई।ग्रामीण बोले-मरम्मत में हुई लीपापोती
स्कूल की छात्रा वर्षा, राजकिरंता, रीना ने बताया कि स्कूल की दीवार पर पेड़ उगे हुए थे, उनको कटवा भी दिया था, फिर बड़े हो जाते हैं। हमने मैडम को भी बताया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने बताया कि मरम्मत करके पूरी तरह से लीपापोती कर दी। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच को भी अवगत करवा दिया था।चार बहनों में इकलौता था कार्तिक
मृतक कार्तिक (8 वर्ष) पुत्र हरकचंदलोधा की बुआ संजू बाई ने बताया कि कार्तिक कक्षा चार का छात्र था। वह चार बहनों में इकलौता था, जो सबसे छोटा था। उसकी बहिन आरती कक्षा सात व मनीषा कक्षा 6 में पढ़ती है जो भी इस हादसे में घायल हो गई है। जबकि प्रियंका व रामकन्या पास के ही गांव आंवलहेड़ा में पढऩे जाती है।घर का चिराग की बुझ गया
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपलोदी में पढऩे वाले दो सगे-भाई बहन की भी हादसे में मौत हो गई। हादसे में छोटूलालरेदास का लड़का कान्हा कक्षा एक व मीना कक्षा 5 की हादसे में मौत हो गई। छोटूलाल के तो पूरे परिवार की खुशियां ही छिन गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हादसे में दोनों बच्चों को खोने के बाद मानो छोटूलाल का पूरा परिवार ही उजड़ गया हो।स्कूल नहीं जा रहा था कुंदन
कक्षा चार का छात्र कुंदन पुत्र बीरम शुक्रवार को स्कूल नहीं जा रहा था। सुबह परिजनों ने कहा कि बेटा कल भी स्कूल नहीं गया था, आज तो चला जा फिर रविवार की छुट्टी आ रही है। परिजनों को इस बात का मलाल है कि काश, बच्चे की बात मान ली होती तो शायद ये घटना नहीं होती। लेकिन ईश्वर को पता नहीं क्या मंजूर था।झाडू निकाल रही थी, बच गई
आठवीं कक्षा की छात्रा सुनीता ने बताया कि हम स्कूल गए ही थे, मैं झाडू निकाल रही थी। इसी दौरान हादसा हो गया। मैं भागकर बाहर आ गई, लेकिन उसकी बहन कमरे में थी। लोगों ने मलबा हटाया तो वह बुरी तरह घायल थी। जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई।घायल बच्चे बोले, गांव वालों ने बचाया
मनोहरथाना अस्पताल में भर्ती घायल कक्षा 6 के छात्र विजय ने बताया कि हमारे स्कूल की छत अचानक से गिर गई, मिट्टी हटाकर हमें गांव वालों ने बाहर निकाला। छात्रा चिंका ने बताया कि अचानक से छत गिरी हम तो बाहर भागकर आ गए। छात्रा अंजना ने बताया कि हम अंदर थे कि अचनाक छत गिर गई।उन्हें क्या पता था घर कि खुशियां छिन जाएगी
मृतक बच्चों के ताऊ बद्रीलाल रैदास ने बताया कि उसके छोटे भाई छोटूलाल के बेटा बेटी स्कूल जाने के लिए घर से तैयार होकर जा रहे थे,परिजनों को यह पता नहीं था कि उसके घर के मासूम मलबे में दबे मिलेंगे। छोटूलाल का पुत्र कान्हा व बेटी मीना की इस दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। छोटूलाल के घर के दोनों चिराग इस घटना का शिकार होने की वजह से घर उजड गया। स्वयं छोटूलाल भी बीमार चल रहा है।लघुशंका करने गई तो बच गई जान
पिपलोदी हादसे की चश्मदीद कक्षा 8 की छात्रा मुस्कान रैदास ने बताया कि विद्यालय का कमरा जर्जर अवस्था में था। जिसमें बच्चों को बिठाया भी नहीं जा रहा था, परंतु शिक्षकों ने कमरे की सफाई करवाकर उसमें कक्षा लगाने के लिए बच्चों को बिठाया। बच्चों ने शिक्षकों को छत से कंकर गिरने के लिए अवगत भी कराया परन्तु शिक्षक विद्यालय के परिसर में बैठ नाश्ता कर रहे थे। मैं ओर मेरी दोस्त दोनों लघुशंका करने निकल गए, इतनी देर में छत भरभराकर गिर गई।
मृतकों की सूची –
कक्षा 1 का पिपलोदी निवासी कान्हा (7) पुत्र छोटूलाल रैदास, उसकी बहन कक्षा 5 की मीना रैदास (10), कक्षा 5 का पिपलोदी निवासी कुन्दन पुत्र बीरमचंद भील (10), कक्षा 7 का पिपलोदी निवासी हरीश पुत्र बाबूलाल भील (11), कक्षा 7 की चांदपुरा निवासी प्रियंका (12) पुत्री उधम सिंह भील, कक्षा 7 की पिपलोदी निवासी पायल (13) पुत्री लक्ष्मण भील, कक्षा 4 का पिपलोदी निवासी कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद लोधा।
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घायलों की सूची –
पिपलोदी निवासी आरती (13) पुत्री रामदयाल, पिपलोदी निवासी राजकुमार पुत्र मुकेश (13), पिपलोदी निवासी अजय कुमार (13) पुत्र प्रेमचंद, पिपलोदी निवासी अंजना (13) पुत्र बद्रीलाल, पिपलोदी निवासी विजय (11) पुत्र प्रेमचंद, पिपलोदी निवासी विक्रम (11) पुत्र बाबूलाल, पिपलोदी निवासी पिंकी (12) पुत्री बद्रीलाल,
पिपलोदी निवासी मनीषा (12) पुत्र हरकचंद, पिपलोदा निवासी अरविंद (10) पुत्र कमलेश, पिपलोदी निवासी विशाल (11) पुत्र जगदीश, पिपलोदी निवासी आरती पुत्र (10) अरकचंद, पिपलोदी निवासी शाहीन उर्फ शायन (13) पुत्र जगदीश, पिपलोदी निवासी राजूबाई (9) पुत्री दीवान, पिपलोदी बीरम (10) पुत्र तेजपाल, पिपलोदी निवासी मिलन (10) पुत्र बद्रीलाल, पिपलोदी निवासी मोनिका (6) पुत्री तेजमल, पिपलोदी निवासी मुरलीधर पुत्र देवीलाल, पिपलोदी निवासी अनुराधा पुत्री लक्ष्मण (7), पिपलोदी निवासी बादल (10) पुत्र रघुवीर, पिपलोदी निवासी मिथुन (11) पुत्र मुकेश, पिपलोदी निवासी दिलकुश (13) पुत्र रघुवीर घायल हो गए।