एसओजी की जांच में सामने आया कि परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी के साइन और सुमित्रा के साइन का मिलान ना हो सका। जानकारी के मुताबिक, रीट परीक्षा में पास नहीं होने के बाद सुमित्रा ने अपने भाई सुनील भादू की मदद से जेएस यूनिवर्सिटी (शिकोहाबाद) से फर्जी बीपीएड डिग्री बनवाई। पीटीआई भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट को पेपर में बैठकार चयन प्राप्त किया।
ऐसे खुला मामला…
मामले का खुलासा दस्तावेज सत्यापन में सुमित्रा की ओर से बीपीएड डिग्री जमा नहीं करने पर हुआ। सुमित्रा ने तीन बार में कागजात जमा कराए। पहली बार डिग्री न होने पर दस्तावेज जमा नहीं कराए। दूसरी बार बीए की डिग्री लगाई और तीसरी बार फर्जी बीपीएड डिग्री पेश की। जांच में सामने आया कि जेएस यूनिवर्सिटी से 5 और 6 दिसंबर 2022 को दो दिन में चारों सेमेस्टर की मार्कशीट प्रिंट हुई थी।
PTI भर्ती- 2022 में फर्जीवाड़े का खेल
प्रदेश में PTI भर्ती- 2022 में अब तक 300 से अधिक अभ्यर्थियों पर एफआईआर हो चुकी है। वहीं, 1800 से अधिक अभ्यर्थियों की जांच चल रही है। 5,546 पदों की भर्ती में 2,000 से अधिक अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ एसओजी की कार्रवाई जारी है और विभाग ने दस्तावेज की गहनता से जांच किए बिना ही नियुक्ति दे दी।