बता दें कि यह गैंग इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर एक्टिव युवाओं को पहले मॉडलिंग और रील शूटिंग का झांसा देता था, फिर उन्हें सुनसान जगह बुलाकर मोबाइल फोन से जबरन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवा कर लाखों की ठगी करता था।
इस तरह फंसा युवक
सायला थाना क्षेत्र के विशाला गांव निवासी लाबूराम ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 28 जुलाई को उसे एक अनजान युवक ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क कर खुद को “ईश्वर सिंह सोढा” बताया। उसने रील बनाने का प्रस्ताव रखा और मिलने के लिए महाराणा प्रताप चौक बुलाया। जब लाबूराम वहां पहुंचा तो उसे कार में बैठाकर कोरा क्षेत्र ले जाया गया। रास्ते में चार अन्य युवक गाड़ी में सवार हो गए।
युवकों ने मिलकर लाबूराम को धमकाया
कोरा क्षेत्र के पास सुनसान इलाके में पहुंचने के बाद सभी युवकों ने मिलकर लाबूराम को धमकाया, उसका मोबाइल छीना और फोन का लॉक खुलवाकर फोनपे सहित अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स के जरिए 1.93 लाख अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी के बाद उसे पांथेड़ी गांव के पास उतारकर सभी आरोपी फरार हो गए।
पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
जैसे ही मामला सायला पुलिस के पास पहुंचा, जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोटाराम गोदारा, वृत्ताधिकारी गौतम कुमार जैन और थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने बाड़मेर जिले की गिराब थाना पुलिस के सहयोग से तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग और बैंक ट्रांजेक्शन ट्रैकिंग के जरिए आरोपियों की पहचान की।
30 जुलाई को टीम ने बाड़मेर जिले के बालेवा क्षेत्र में दबिश दी और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से डिजिटल पेमेंट संबंधी साक्ष्य, मोबाइल और अन्य सामान भी बरामद किया गया।
गिरफ्तार आरोपी और पूछताछ
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों में ईश्वर सिंह पुत्र चंदन सिंह निवासी अगासड़ी, महेंद्र सिंह निवासी नवातला, विंजराज सिंह उर्फ नारायण सिंह निवासी वाडेल नाड़ी सिणधरी (बालोतरा) और जुंजार सिंह निवासी गेहूं (बाड़मेर) शामिल हैं। इन सभी को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
सोशल मीडिया यूजर्स रहें सतर्क
इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर अजनबियों से मिलने या किसी भी ऑफर पर बिना जांच-परख के विश्वास करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे इस तरह की ऑनलाइन ठगी से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।